सीबीएसई पेपर लीक मामले में सरकार अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन राजनीति खूब हो रही है.
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नई दिल्ली : सीबीएसई पेपर लीक मामले में सरकार अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है, लेकिन राजनीति खूब हो रही है. केंद्र सरकार पर इस मुद्दे पर चौतरफा हमले हो रहे हैं. छात्रों ने भी सीबीएसई और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लगातार लीक हो रहे पेपर्स पर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए उसे लीकेज सरकार बताया है. इसके अलावा सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री से मांग की है कि उन्हें देश के सभी शिक्षा मंत्रियों का एक 'ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन' बुलाना चाहिए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके.
सड़क पर उतरे छात्र
बता दें कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं में 12वीं का अर्थशास्त्र और 10वीं का गणित का पेपर लीक हुआ है. पेपर लीक होने के बाद देश की राजनीति में भूचाल आ गया है. करीब 28 लाख छात्र इस पेपर लीक से प्रभावित हुए हैं. इस मामले के खिलाफ कई राज्यों के छात्र सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
वॉट्सएप ग्रुप के खिलाफ जांच
पेपर लीक मामले की जांच दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही है. पुलिस ने अबतक करीब 10 वॉट्सएप ग्रुप्स का पता लगाया है. इन सभी वॉट्सएप ग्रुप में करीब 50 से 60 सदस्य हैं और इन्हीं ग्रुप पर पेपर लीक हुआ था. पुलिस ग्रुप के सदस्यों से पूछताछ की जा रही है. इसके अलावा क्राइम ब्रांच को तलाश है उस विसल ब्लोअर की जो लगातार सीबीएसई को इस पेपर लीक के बारे में आगाह कर रहा था.
जो सरकार प्रश्नपत्र सुरक्षित नहीं रख पाती, वह देश को क्या सुरक्षित रखेगी : कांग्रेस
लीकेज सरकार
इस मामले में केंद्र सरकार बुरी तरह से घिर गई है. विपक्षी दल लगातार सवाल उठा रहे हैं. दिल्ली सरकार ने भी इस घटना को बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बताया है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने लगातार हो रहे पेपर लीक मामले पर सरकार पर तंज कसते हुए केंद्र को लीकेज सरकार करार दिया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'डेटा लीक, एमएससी-पेपर लीक, इलेक्शन-डेट लीक, सीबीएससी-पेपर लीक.... ये केंद्र सरकार है या लीकेज सरकार! इनसे कोई संस्थान नही सम्भल रहा. हर संस्थान को तबाह करके मानोगे?'
डेटा लीक, एमएससी-पेपर लीक, इलेक्शन-डेट लीक, सीबीएससी-पेपर लीक.... ये केन्द्र सरकार है या लीकेज सरकार!
इनसे कोई संस्थान नही सम्भल रहा। हर संस्थान को तबाह करके मानोगे?— Manish Sisodia (@msisodia) 28 मार्च 2018
ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन
इसके अलावा मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मांग की है कि उन्हें देश के सभी शिक्षा मंत्रियों का एक दिन का ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन बुलाया चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. उन्होंने कहा कि पेपर लीक होने से बच्चों का मनोबल टूटता है. उन्हें निराशा हाथ लगती है. उन्होंने कहा कि सरकार को बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई हक नहीं है.
Delhi Deputy CM Manish Sisodia writes to Union HRD Minister Prakash Javadekar on CBSE Class XII & X paper leaks, requests him to convene a day-long brain storming session of education minsters so that similar incidents do not happen in the future.
— ANI (@ANI) 30 मार्च 2018
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने अभीतक माफी क्यों नहीं मांगी? पार्टी ने परीक्षा व्यवस्था में माफिया के हावी होने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि सरकार ने अभीतक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे यह संदेश जाए कि वह एजुकेशन माफिया को खत्म करेगी.
पार्टी ने यह भी दावा किया कि, ‘जो सरकार प्रश्नपत्र सुरक्षित नहीं रख पाती, वह देश को क्या सुरक्षित रखेगी.’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा, ‘प्रधानमंत्री ने छात्रों को परीक्षा के दौरान तनाव से राहत देने के बारे में शिक्षा देने के लिए एक पुस्तक ‘एक्जाम वारियर्स’ लिखी थी. अगला कदम : एक्जाम वारियर्स 2, छात्रों एवं अभिभावकों को परीक्षा प्रश्न पत्र लीक होने के कारण उनका जीवन तबाह होने के बाद उन्हें तनाव राहत के बारे में शिक्षा देने के लिए एक पुस्तक.’
Too many leaks, the "Chowkidar" is weak. #PaperLeakChokidarWeak #JanKiBaat pic.twitter.com/ZoDXRRaqFQ
— Congress (@INCIndia) 30 मार्च 2018
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘जो सरकार प्रश्न पत्र को सुरक्षित नहीं रख सकती, वह देश को क्या सुरक्षित रख पाएंगी?’ उन्होंने कहा कि यह क्या बात हुई कि दिल्ली में पेपर लीक हो जाए और कोई मंत्री भी इसकी जिम्मेदारी न ले? उन्होंने कहा, ‘मैंने दसवीं बोर्ड (परीक्षा) को वैकल्पिक रखने का सुझाव दिया था. सतत समग्र आकलन होना चाहिए, ग्रेडिंग प्रणाली होनी चाहिए ताकि बच्चों का तनाव खत्म हो सके.’ उन्होंने ध्यान दिलाया कि कई बच्चे तो परीक्षा के तनाव में आत्महत्या तक कर लेते हैं. ‘मैंने इस पर रोक लगाने की कोशिश की किंतु इन्होंने (वर्तमान सरकार ने) इसे नकार दिया.’