धारा 377 : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसी ने फहराया इंद्रधनुषी झंडा, तो कहीं छलके आंसू
Advertisement

धारा 377 : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसी ने फहराया इंद्रधनुषी झंडा, तो कहीं छलके आंसू

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद देश के तमाम राज्यों में समलैंगिक लोगों में खुशियों की लहर है. 

फोटो साभार : ANI

नई दिल्ली : समलैंगिक संबंधों को अपराध मानने वाली धारा 377 को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. गुरुवार को प्रमुख न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि यह व्यक्तिगत चॉइस का मामला है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद देश के तमाम राज्यों में समलैंगिक लोगों में खुशियों की लहर है. 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समलैंगिक लोगों के चेहरे पर खुशी देखने को मिल रही है. न्यूज एजेंसी ANI की ओर से फैसले के बाद समलैंगिक लोगों के चेहरे पर मुस्कान का एक वीडियो जारी किया गया है. वीडियो में कुछ लोगों के चेहरे पर हंसी देखी जा सकती है तो कुछ लोगों की आंखों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आंसू आ गए. वहीं, मुंबई में कुछ लोगों ने हाथों में झंडा लेकर कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट में फैसला सुनाए जाते वक्त वहां मौजूद कुछ लोग भावुक हो गए और कुछ फैसला सुनते ही रोने भी लगे.

यह भी पढ़ें : समलैंगिकता को समझना चाहते हैं तो ये बॉलीवुड फिल्में जरूर देखें...

 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद मुंबई में कुछ लोगों ने इंद्रधनुषी झंडा लहराकर जश्न मनाया. बता दें कि इंद्रधनुषी झंडा एलजीबीटी समुदाय का प्रतीक है. 

 

व्यक्तिगत पसंद को मिले इजाजत-कोर्ट
पांच जजों की संवैधानिक पीठ का फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा देश में व्यक्तिगत पसंद को इजाजत दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में परिवर्तन की आवश्यकता है. जीवन का अधिकार एक मानवीय अधिकार है इसके बिना बाकि अधिकारों का कोई भी औचित्य नहीं है.

नैतिकता की आड़ में अधिकारों का हनन- कोर्ट
पीठ ने अपने आदेश में कहा, हमें पुरानी धारणाओं को बदलने की जरूरत है. नैतिकता की आड़ में किसी के अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता. सामाजिक नैतिकता, संवैधानिक नैतिकता से ऊपर नहीं है. सामाजिक नैतिकता मौलिक आधार को नहीं पलट सकती. यौन व्‍यवहार सामान्‍य, उस पर रोक नहीं लगा सकते.

Trending news