मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर सरकार सख्त, IPC में संशोधन पर कर रही विचार
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मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं पर सरकार सख्त, IPC में संशोधन पर कर रही विचार

हालिया महीनों में भीड़ द्वारा पीट - पीटकर लोगों की हत्या कर दिए जाने के कई मामले देश भर से सामने आए हैं.

(फाइल फोटो DNA)

नई दिल्ली:  ‘भीड़ हत्या’ (मॉब लिंचिंग) की बढ़ती घटनाओं को केंद्र सरकार हरकत में आ गई है. इसे दंडनीय अपराध के तौर पर परिभाषित करने के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में संशोधन की संभावनाओं पर विचार कर रही है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी.

अधिकारी ने बताया कि एक मॉडल कानून का मसौदा तैयार करने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है जिसे राज्य सरकारें भीड़ हत्या की घटनाएं रोकने के लिए अपना सकें. उन्होंने कहा, ‘सब कुछ शुरुआती चरण में है क्योंकि केंद्र को नया कानून बनाने को कहने वाले सुप्रीम कोर्ट के समूचे आदेश का परीक्षण करने की आवश्यकता है.’

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग पर बीते मंगलवार को सरकार को कड़ी फटकार लगातेे हुए  कहा था कि वह ऐसे मामलों से निपटने के लिए कानून बनाए. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने भीड़ हत्या की घटनाओं को ‘भीड़तंत्र का भयावह कृत्य’ करार दिया था.  

सरकार को अपना रुख तय करने में लग सकता है समय
यदि आईपीसी में संशोधन किया जाता है तो सरकार को भीड़ हत्या पर अलग से कोई कानून बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अधिकारी ने कहा कि यदि खुद को निर्दोष साबित करने का जिम्मा आरोपी पर डाल दिया जाता है तो सीआरपीसी एवं भारतीय साक्ष्य कानून की कुछ धाराओं में भी संशोधन करने की जरूरत होगी. उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर अपना रुख तय करने में कई दिन लग सकते हैं. सरकार सोशल मीडिया से जुड़ी रूपरेखा को भी ठोस बना सकती है ताकि ऐसी घटनाओं की वजह बनने वाली अफवाहों पर लगाम सुनिश्चित की जा सके. 

हाल के दिनों मॉब लिंचिंग की कई घटनाएं आई सामने
हालिया महीनों में भीड़ द्वारा पीट - पीटकर लोगों की हत्या कर दिए जाने के कई मामले देश भर से सामने आए हैं. ताजा घटना राजस्थान में हुई जहां बीते शुक्रवार को गौ तस्करी के संदेह पर भीड़ ने एक शख्स की पीट - पीटकर हत्या कर दी. भारत में भीड़ हत्या की बढ़ती घटनाओं की निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को सरकार से कहा था कि वह ऐसे मामलों से निपटने के लिए कानून बनाए. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने भीड़ हत्या की घटनाओं को ‘‘ भीड़तंत्र का भयावह कृत्य ’’ करार दिया था.  

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