एक जमाने में अबु सलेम को दाऊद इब्राहीम का बायां हाथ और छोटा शकील को दायां हाथ माना जाता था.
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मुंबई: अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम के बेहद विश्वस्त और दायां हाथ माने जाने वाले छोटा शकील ने 'डी' कंपनी से नाता तोड़ लिया है. छोटा शकील, दाऊद के गैंग में दूसरे नंबर की हैसियत रखता था और पिछले 30 सालों से डॉन का बेहद करीबी था. एक जमाने में अबु सलेम को दाऊद इब्राहीम का बायां हाथ और छोटा शकील को दायां हाथ माना जाता था. अबु सलेम ने जब दाऊद का साथ छोड़ा, उसके बाद से अंडरवर्ल्ड की दुनिया में छोटा शकील ही डॉन का सबसे वफादार माना जाता था. यहां तक कि दाऊद गैंग से जुड़ी खबरें जब बाहर आती थीं तो कई बार छोटा शकील मीडिया को उनकी तरफ से प्रतिक्रिया भी देता था.
द टाइम्स ऑफ इंडिया ने खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट प्रकाशित की है कि छोटा शकील ने दाऊद का साथ छोड़ दिया है. सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि वह कराची में अब क्लिफ्टन एरिया में भी मौजूद नहीं हैं जहां 1980 के दशक में भारत से भागने के बाद से दोनों ने अपना बेस बना रखा था. इस वक्त उसकी लोकेशन के बारे में भी बस कयास ही लगाए जा रहे हैं.
बगावत की वजह
सूत्रों के मुताबिक दाऊद के गैंग में छोटे भाई अनीस इब्राहीम के बढ़ते कद के चलते छोटा शकील ने ऐसा कदम उठाया. दरअसल पिछले तीन दशकों से छोटा शकील ही दाऊद के नाम पर पूरे गैंग को चलाता रहा है. दाऊद ने भी अपने परिवार को पहले ही साफ कर दिया था कि गैंग के मामलों में उनको दखल देने का कोई हक नहीं है. इसके बावजूद हालिया दौर में दाऊद के छोटे भाई अनीस इब्राहीम के बढ़ते कद से छोटा शकील को परेशानी महसूस हो रही थी. कई बार उसकी बात को नजरअंदाज कर अनीस ने मनमुताबिक काम को अंजाम दिया. ये बात छोटा शकील को नागवार गुजरी और इसके चलते डॉन दाऊद से उसके मतभेद हो गए.
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ISI की चिंता
इंटेलीजेंस ब्यूरो के सूत्रों के मुताबिक इस ताजा घटनाक्रम से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चिंतित हो गई है और वह दाऊद और छोटा शकील के बीच सुलह की कोशिशों में लग गई है. ऐसा इसलिए क्योंकि अंडरवर्ल्ड में फूट होने से आईएसआई की भारत विरोधी गतिविधियों को झटका लगेगा. आखिर आईएसआई 1993 में दाऊद गैंग के सहारे ही मुंबई में सीरियल बम धमाकों को अंजाम देने में सफल हो पाई थी. उस केस में छोटा शकील भी अहम आरोपी है.
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सूत्रों के मुताबिक अभी तक मुंबई, पाकिस्तान और मुंबई में गैंग के कुछ कोर सदस्यों को ही इस घटनाक्रम के बारे में पता है. मुंबई के कोर ग्रुप के सदस्य इस बात से चिंतित है कि अभी तक वे छोटे शकील से ही ऑर्डर लेते रहे हैं और ऐसा माना जाता है कि डॉन के कहने पर छोटा शकील ही उनको ऑर्डर देता था. अब उनके सामने दुविधा ये खड़ी हो गई है कि वे किसका ऑर्डर मानें. अंडरवर्ल्ड में दूसरी बड़ी चिंता यह उत्पन्न हुई है कि इससे उनके हवाला से लेकर कांट्रैक्ट किलिंग तक के बिजनेस पर बुरा असर पड़ना तय है. अतीत में अबु सलेम, छोटा राजन और फहीम मचमच जैसे दाऊद के वफादार लेफ्टिनेंट उसका साथ छोड़ कर अपना गैंग बना लिया था. 2000 में बैंकाक में छोटा राजन के खिलाफ जानलेवा हमला छोटा शकील ने ही करवाया था.