संविधान की प्रस्तावना में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं: वेंकैया
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संविधान की प्रस्तावना में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं: वेंकैया

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक विज्ञापन के बाद संविधान की प्रस्तावना को लेकर छिड़ी बहस के बीच आज केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार की ओर से प्रस्ताव में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।

हैदराबाद : सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के एक विज्ञापन के बाद संविधान की प्रस्तावना को लेकर छिड़ी बहस के बीच आज केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार की ओर से प्रस्ताव में बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं है।

नायडू रविवार को एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। संविधान की प्रस्तावना से जुड़े विवाद के बारे में पूछे जाने पर नायडू ने कहा कि मौजूदा बहस ‘निर्थरक’ है और ‘अनावश्यक विवाद’ को पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्तावना में मूल रूप से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द नहीं थे। इसे जवाहरलाल नेहरू, बाबासाहेब अम्बेडकर, सरदार पटेल, गोपालस्वामी अयंगार के समय तैयार किया गया था।..उन लोगों ने इस पर बहस की, चर्चा की और फिर प्रस्तावना को मंजूरी दी। आपातकाल के बाद श्रीमती इंदिरा गांधी खुद के वोटबैंक की राजनीति के कारण समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द लेकर आईं।’’ नायडू ने कहा कि इसे विशेष रूप से बताने की जरूरत नहीं है कि धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद समानता और धर्म, अभिव्यक्ति एवं बोलने की स्वतंत्रता देते हैं। सरकार की ओर से संविधान के प्रस्तावना में किसी बदलाव का कोई प्रस्ताव नहीं हैं।

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