तृणमूल कांग्रेस की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि उनकी पार्टी बंद का समर्थन करती है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में बंद की इजाजत नहीं दे सकती.
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नई दिल्ली: कांग्रेस की ओर से सोमवार को बुलाए गए 'भारत बंद' के दौरान तमाम विपक्षी पार्टियां एकजुट होकर देश में पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतों में बढ़ोत्तरी के विरोध में प्रदर्शन करेंगी. भारत बंद को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन करें और किसी तरह के हिंसक प्रदर्शन में शामिल न हों. कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि इस प्रदर्शन में 21 विपक्षी पार्टियां समर्थन कर रही हैं. तृणमूल कांग्रेस (TMC) की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि उनकी पार्टी बंद का समर्थन करती है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में बंद की इजाजत नहीं दे सकती.
इसके अलावा आम आदमी पार्टी की तरफ से भी कहा गया कि वह बंद में शामिल नहीं होगी. शिवसेना ने भी बंद का समर्थन नहीं किया है, हालांकि मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) ने बंद का समर्थन किया है. बीजू जनता दल ने भी बंद का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश में संभावित गठबंधन के साथी सपा और बसपा ने भी खुलकर बंद का समर्थन नहीं किया है. हालांकि, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर समाजवादी पार्टी ने पूरे प्रदेश में हर जनपद के तहसील मुख्यालय में 10 सितम्बर को धरना प्रदर्शन का आयोजन किया है.
कांग्रेस के 'भारत बंद' में शामिल होंगी 20 विपक्षी पार्टियां, TMC रहेगी दूर
दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह देखकर ‘‘दुख’’ हुआ कि बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कच्चे तेल के बढ़ते दामों पर चुप्पी साधे रखी गई और महंगाई या रूपए के अवमूल्यन पर कोई चर्चा नहीं हुई. ये ऐसे मामले हैं जो सीधे आम आदमी से जुड़े हैं. अजय माकन ने मीडिया से कहा कि पिछले चार सालों में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद शुल्क) करीब 211 फीसदी और डीजल पर करीब 443 फीसदी बढ़ाए गए हैं. मई 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.2 रुपए थी जो वर्तमान में 19.48 रुपए है. डीजल पर उस वक्त एक्साइज ड्यूटी 3.46 रुपए थी जो वर्तमान में 15.33 रुपए हो गई है.
उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि रुपए की कीमत लगातार गिरती जा रही है. डॉलर के मुकाबले रुपए की कीमत 72 रुपए तक पहुंच चुकी है. एक वक्त था जब रुपए की कीमत 60 रुपए को पार कर गई थी तो नरेंद्र मोदी कहा करते थे कि रुपया ICU में पहुंच चुका है. अब वे क्या कहना चाहेंगे?
अजय माकन ने कहा कि पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाया जाए. अगर इसे GST के दायरे में लाया जाता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमत 15-18 रुपए कम हो जाएगी. इससे दूसरे चीजों की कीमत में भी कमी आएगी. अजय माकन ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कहते हैं कि इसके लिए इंटरनेशनल फैक्टर जिम्मेदार है और रुपए की कीमत में लगातार गिरावट होती जा रही है.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 52 महीनों में देश के लोगों से 11 लाख करोड़ रुपए ‘‘लूटे’’ हैं और बीजेपी सरकार चलाने की बजाय ‘‘मुनाफाखोर कंपनी’’ चला रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह गैस, डीजल और पेट्रोल की कीमतें हर रोज बढ़ रही हैं, उससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर बगैर सोचे झटके में निर्णय नहीं लिया जा सकता : धर्मेंद्र प्रधान
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों का कोई जिक्र नहीं किया गया, क्योंकि उन्हें लोगों के दुख-दर्द से कोई मतलब ही नहीं है.’’ उन्होंने लोगों से अपील की कि वे बीजेपी को सत्ता से बेदखल करके देश में बदलाव लाएं.
द्रमुक के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा, ‘‘द्रमुक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जबर्दस्त बढ़ोतरी को लेकर बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही कांग्रेस की ओर से बुलाए गए ‘भारत बंद’ को पूरा समर्थन देगा.’’ बंद के आह्वान के मद्देनजर कांग्रेस ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे किसी हिंसक प्रदर्शन में शामिल नहीं हों. इससे पहले, कांग्रेस ने कहा कि कई चैंबर ऑफ कॉमर्स और कारोबारी संगठनों के अलावा 21 विपक्षी दल इस भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं. पार्टी की मांग है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाए जिससे तेल के दाम 15 से 18 रूपये तक गिर सकते हैं.