कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. इस लॉकडाउन की वजह से प्रकृति में काफी बदलाव आया है. पहली बार लोग अपने घर के आस-पास पक्षियों की आवाज सुन रहे हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन किया गया है. इस लॉकडाउन की वजह से प्रकृति में काफी बदलाव आया है. पहली बार लोग अपने घर के आस-पास पक्षियों की आवाज सुन रहे हैं. ये पक्षी वहां पहले भी रहते थे लेकिन लॉकडाउन से पहले, वाहनों के शोर के कारण चिड़ियों की आवाज सुनाई नहीं देती थी.
लॉकडाउन की वजह से नोएडा की सड़कें खाली हैं और यहां के सेक्टर 18 में एक मॉल के बाहर एक नील गाय के घूमने का वीडियो भी सामने आया. ये जगह नोएडा का एक व्यस्त इलाका है और लॉकडाउन से पहले लोगों के लिए भी इस सड़क को पार करना मुश्किल होता था. लेकिन अब यहां पर लोग और वाहन नहीं हैं इसलिए जंगली जानवर वापस इन इलाकों में पहुंच रहे हैं.
केरल के कालीकट का एक वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. ये मालाबार Civet का वीडियो है और बिल्ली से मिलता-जुलता ये जंगली जानवर शहरों में नहीं दिखाई देता है. दावा ये भी किया गया है कि पिछले कई वर्षों से इसे हमारे देश के जंगलों में भी नहीं देखा गया है. एक अच्छी बात ये है कि लोग प्रकृति में आए इस बदलाव पर ध्यान दे रहे हैं और इसकी तारीफ भी कर रहे हैं.
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22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद महाराष्ट्र सरकार ने पूरे राज्य में लॉकडाउन घोषित कर दिया था और 25 मार्च को मुंबई के समुद्रतट पर डॉल्फिन दिखाई दी. इस समय समंदर में ना तो मोटर बोट्स हैं और ना ही मछुआरों की नावें हैं. यही कारण है कि अब डॉल्फिन भी समंदर के किनारे तक आ गई हैं. आप ये भी कह सकते हैं कि प्रकृति अपने पुराने इलाकों तक फिर से पहुंच रही है.
कुल मिलाकर लॉकडाउन के दौरान प्रकृति का स्वास्थ्य ठीक हो रहा है और इसके साथ आप अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखिए . ये सभी वीडियो कुछ समय के लिए ही हैं, हो सकता है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद आपको प्रकृति की ऐसी तस्वीरें नजर ना आएं. लेकिन प्रकृति का स्वास्थ्य ठीक करने के लिए हमें लॉकडाउन की नहीं बल्कि मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है.
देश में लॉकडाउन की वजह से वायु प्रदूषण भी लॉक हो गया है. देश के 104 शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर पहले से 25 प्रतिशत तक कम हो गया है. और ये अंतर जनता कर्फ्यू यानी 22 मार्च के बाद से ही दिखाई दे रहा है. इस समय देश के ज्यादातर शहरों का एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI बहुत गंभीर नहीं है. यानी इन शहरों के लोग इस वर्ष की सबसे अच्छी हवा में सांस ले रहे हैं.
आज दिल्ली के कुछ इलाकों का AQI-50 के करीब है, इसका मतलब है कि यहां वायु प्रदूषण बहुत कम है और अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो इस हवा में सांस लेने में आपको कोई दिक्कत नहीं होगी. शायद आपने भी ये बदलाव महसूस किया होगा.
आजकल आप ध्यान देंगे तो आपको आसमान भी पहले से ज्यादा नीला दिखाई देगा और इसकी वजह लॉकडाउन के बाद वायु प्रदूषण में आई कमी है. दिल्ली और आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और कंस्ट्रक्शन की वजह से हवा में पहुंचने वाले धूलकण हैं. और इन दिनों लॉकडाउन की वजह से ये दोनों ही काम बंद हैं.
दुनिया के कई विकसित देशों में आदर्श AQI, 50 या इससे भी कम होता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी CPCB के मुताबिक मॉनसून के महीनों के अलावा कभी भी दिल्ली का AQI-50 के करीब नहीं रहा है. इससे पहले 18 अगस्त 2019 को दिल्ली का AQI-47 था और उस समय दिल्ली में लगातार बारिश हो रही थी.
पिछले वर्ष से तुलना करें तो मार्च 2019 में दिल्ली का AQI औसतन 160 के करीब था. और CPCB के आंकड़े वर्ष 2014 से रिकॉर्ड किए जा रहे हैं यानी दिल्ली के लोग मार्च महीने में पिछले 6 वर्षों की सबसे स्वच्छ हवा में सांस ले रहे हैं.
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मुंबई में आज का AQI- 66 है यानी वहां वायु प्रदूषण का स्तर संतोषजनक है. जबकि मार्च 2019 में वहां का AQI औसतन 153 था. लेकिन दुख की बात है कि इस समय आप घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं. और अगर लोग किसी काम से बाहर निकल भी रहें हैं तो सुरक्षा के लिए फेस मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर हमारे देश की हवा हमेशा इतनी साफ और स्वच्छ रहे तो यहां के लोगों की इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती और भारत के लोग आसानी से कोरोना वायरस के संक्रमण का मुकाबला कर पाते.