चेक बाउंस मामला : कोर्ट ने राजपाल यादव को सुनाई 6 महीने की सजा, 11 करोड़ का जुर्माना लगाया
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चेक बाउंस मामला : कोर्ट ने राजपाल यादव को सुनाई 6 महीने की सजा, 11 करोड़ का जुर्माना लगाया

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने राजपाल यादव, उनकी पत्नी राधा यादव और उनकी कंपनी के खिलाफ चेक बाउंस के सात मामलों में यह सजा सुनाई.

फिल्म बनाने के लिए राजपाल यादव ने एक कंपनी से 5 करोड़ रुपये उधार लिए थे, लेकिन रुपये लौटाए नहीं

नई दिल्ली : हिंदी फिल्मों के हास्य अभिनेता राजपाल यादव को दिल्ली की एक अदालत ने चेक बाउंस के मामले में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है. हालांकि सजा सुनाए जाने के बाद कोर्ट ने उन्हें फौरन जमानत भी दे दी. कोर्ट ने साढ़े तीन लाख रुपये के निजी मुचलके पर राजपाल को जमानत दी है. चेक बाउंस होने पर कोर्ट ने उन पर 11 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. राजपाल पर एक फिल्म के लिए एक कंपनी से 5 करोड़ रुपये उधार लेकर उन्हें नहीं चुकाने का आरोप है. राजपाल यादव ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे.

  1. 'अता पता लापता' फिल्म के लिए 5 करोड़ रुपये उधार लिए
  2. फिल्म 2012 में रिलीज हुई, लेकिन राजपाल ने पैसे नहीं लौटाए
  3. राजपाल के खिलाफ दायर किए चेक बाउंस होने के 7 मामले

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने राजपाल यादव, उनकी पत्नी राधा यादव और उनकी कंपनी के खिलाफ चेक बाउंस के सात मामलों में यह सजा सुनाई. राजपाल के कुल 7 चेक बाउंस हुए थे, कोर्ट ने प्रति चेक 1.6 करोड़ रुपये का हर्जाना भी देने का निर्देश दिया है. इस तरह राजपाल और उनकी कंपनी पर 11.2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

5 करोड़ लिए थे उधार
चेक बाउंस के मामले में कोर्ट में 15 अप्रैल को सुनवाई पूरी हुई थी और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. राजपाल पर फिल्म बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये की धोखधड़ी का मामला है. जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के लक्ष्मी नगर की एक कंपनी ने 7 चेक रद्द होने पर राजपाल के खिलाफ प्रीत विहार थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. थाने में दर्ज शिकायत के आधार पर इस कंपनी से राजपाल यादव ने एक फिल्म बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये उधार लिए थे. 'अता पता लापता' नाम से यह फिल्म 2012 में रिलीज हो गई थी, लेकिन राजपाल ने उधार में लिए पैसे नहीं लौटाए.

हाईकोर्ट में लगाएंगे गुहार
अंत में पैसे उधार देने वाली कंपनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. कोर्ट ने इस मामले में राजपाल को नोटिस भी जारी किए थे, लेकिन राजपाल कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. इसी मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने 2013 में राजपाल यादव को 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भी भेज था. कोर्ट के फैसले पर राजपाल ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन ये सच है कि उन्हें गलत मामले में फंसाया जा रहा है. राजपाल ने बताया कि वह इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.   

6 दिन की जेल
जून, 2016 में कोर्ट ने इस मामले में 10 दिन जेल की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने यादव को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करके पूर्व में उन्हें दी गई सजा के बचे हुए छह दिन काटने का निर्देश दिया था. यह सजा झूठा हलफनामा दायर करने के लिए 2013 में दी गई थी. यादव ने तीन से छह दिसंबर 2013 तक जेल में चार दिन काटे थे जिसके बाद कोर्ट ने उनकी अपील पर सजा निलंबित कर दी थी.

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