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नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ जंग में तेजी से वैक्सीनेशन अभियान को तेजी से चलाया जा रहा है. विदेशी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को भी भारत में लाने की प्रक्रिया चल रही है. इस बीच स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को लेकर अच्छी खबर आई है और ब्राजील की राष्ट्रीय स्वास्थ्य निगरानी एजेंसी- अनविसा (Anvisa) ने कोवैक्सीन को मंजूरी दे दी है.
कोवैक्सीन (Covaxin) लगवाने वालों के लिए विदेश जाने का रास्ता इस साल सितंबर तक खुल सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को ईयूएल (Emergency Use Listing) के लिए आवेदन किया गया है और जुलाई-सितंबर 2021 तक नियामक अनुमोदन की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि जुलाई से सितंबर के बीच हो लिस्टिंग सकती है.
भारत बायोटेक (Bharat-Biotech) की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा इला (Suchitra Ella) ने ट्वीट कर कहा, 'कोवैक्सीन (Covaxin) को ब्राजील- अनविसा (Anvisa) ऑडिट की मंजूरी मिली. उन लोगों के लिए जो पहले डब्ल्यूएचओ (WHO) को अपेक्षित समय सीमा और नियामक प्रक्रियाओं के पालन के अनुसार चूक गए थे.'
इसके साथ ही सुचित्रा इला ने बताया, 'संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, हंगरी सहित 60 से ज्यादा देशों में कोवैक्सीन (Covaxin) के लिए नियामक अनुमोदन प्रक्रिया में है. इसके अलावा 13 देशों में आपातकालीन उपयोग (EUA) की मंजूरी मिली है और आगे भी कई देश इसमें जुड़ेंगे. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को ईयूएल (Emergency Use Listing) के लिए आवेदन किया गया है और जुलाई-सितंबर 2021 तक नियामक अनुमोदन की उम्मीद है.'
Covaxin gets “Brazil - Anvisa audit approval”. For those who missed earlier #WHO as per expected timelines & adherence to regulatory processes! pic.twitter.com/UpU37CqSRL
— suchitra ella (@SuchitraElla) June 7, 2021
बता दें कि हाल ही में ब्राजील (Brazil) की राष्ट्रीय स्वास्थ्य निगरानी एजेंसी-अनविसा ने कोवैक्सीन (Covaxin) के आयात के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. नियामक की मंजूरी के अनुसार शुरुआत में ब्राजील को कोवैक्सीन की 40 लाख खुराक मिलने की उम्मीद है. इनके इस्तेमाल के बाद एजेंसी डेटा का विश्लेषण करेगी और उसके आधार पर आयात की अगली खेप की मात्रा तय करेगी.
इससे पहले अनविसा (Anvisa) ने कोवैक्सीन (Covaxin) के आयात को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. उसने पाया था कि भारत में जिस संयंत्र में यह टीका बनाया जा रहा है, वह अच्छे विनिर्माण व्यवहार (GMP) की जरूरतों का पूरा नहीं करता है.
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