न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक दारुल उलूम देवबंद के फतवा में कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं के लिए हेयर कटिंग और आइब्रो बनवाना नाजायज है.
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दारुल उलूम देवबंद ने मुस्लिम महिलाओं के लिए चौंकाने वाला फतवा जारी किया है. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक दारुल उलूम देवबंद के फतवा में कहा गया है कि मुस्लिम महिलाओं के लिए हेयर कटिंग और आइब्रो बनवाना नाजायज है. दारुल उलूम देवबंद के फतवा विभाग के मौलाना लुतफुर्रहमान सादिक कासमी ने कहा कि ये फतवा काफी पहले जारी कर दिया जाना चाहिए था. दरअसल, सहारनपुर के एक शख्स ने दारुल उलूम देवबंद से पूछा था कि क्या इस्लाम महिलाओं को बाल कटवाने और आइब्रो बनवाने की इजाजत देता है? क्या मैं अपनी पत्नी को ऐसा करने दूं? इस शख्स के सवाल के बाद ही दारु उलूम ने यह फतवा जारी किया है.
फतवा में स्पष्ट रूप से कहा गया है, 'इस्लाम में आइब्रो बनवाना और बाल कटवाना धर्म के खिलाफ है. कोई महिला ऐसा करती है तो वह इस्लाम के नियमों का उल्लंघन कर रही है.' इस फतवा को जारी करने के पीछे तर्क दिया गया है कि इस्लाम में महिलाओं पर 10 पाबंदियां लगाई गई हैं. उन्हीं में बाल काटना और आइब्रो बनवाना भी शामिल है. लंबे बाल महिलाओं की खूबसूरती का हिस्सा है. इस्लाम मजबूरी में बाल काटने की इजाजत देता है. बिना किसी मजबूरी के बाल कटवाना नाजायज है.'
Darul-Uloom Deoband has issued fatwa against Muslim women cutting their hair & grooming their eyebrows: Maulana Kazmi of Darul-Uloom Deoband pic.twitter.com/QTdLDriq05
— ANI (@ANI) October 7, 2017
मालूम हो कि दारुल उलूम देवबंद मुस्लिमों के लिए एक विशेष स्थान है. दारुल उलूम देवबंद का कहना है कि वह दुनिया में इस्लाम की मौलिकता को कायम रखने के लिए काम कर रही हैं. इस विचारधार से प्रभावित मुसलमानों को देवबंदी कहा जाता है. दारुल उलूम देवबंद की आधारशिला 30 मई 1866 में हाजी आबिद हुसैन व मौलाना क़ासिम नानौतवी ने रखी थी.