रूसी डिजाइन के आधार पर इन इंजनों का निर्माण भारत में किया गया है.
Trending Photos
चेन्नई: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में निर्मित उच्च क्षमता और बहु ईंधन वाले दो श्रेणी के इंजनों को आज औपचारिक तौर पर थल सेना को सौंपा. आयुध निर्मात्री बोर्ड की इकाई इंजन फैक्टरी, अवाडि ने पहली बार केंद्र के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इन इंजनों का निर्माण किया है. कारखाने में आयोजित एक कार्यक्रम में सीतारमण ने दोनों तरह के इंजन के दस्तावेज थलसेना के उपाध्यक्ष देवराज अंबू को सौंपा.
वी92एस2 इंजन 1000 हॉर्सपावर का है और उसका इस्तेमाल टी-90 भीष्म टैंक में किया जाएगा. वहीं वी-46-6 इंजन का प्रयोग टी-72 अजय टैंक में किया जाएगा.
Marking the big milestone in #MakeInIndia in defence, the Raksha Mantri Smt. @nsitharaman to hand over indigenised engines of Main Battle Tanks, T-72 & T-90 to Indian Army today at Engines Factory Avadi pic.twitter.com/QC7k0hSRfs
— Defence Production India (@DefProdnIndia) 28 July 2018
हालांकि, रूसी डिजाइन के आधार पर इन इंजनों का निर्माण किया गया है. भारत टर्बोचार्जर, सुपरचार्जर, फ्यूल इंजेक्शन पंप जैसे महत्वपूर्ण पुर्जों के लिए रूस पर निर्भर था. इंजन फैक्टरी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत इन दोनों इंजनों का निर्माण 100 प्रतिशत देशी सामान से किया है. इंजन कारखाने के स्वदेशीकरण के प्रयासों से हर साल 80 करोड़ रुपये की बचत की संभावना है.
(इनपुट-भाषा)