यशवंत सिन्हा ने कहा, दिल्ली में AAP के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराना तुगलकशाही
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यशवंत सिन्हा ने कहा, दिल्ली में AAP के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराना तुगलकशाही

केंद्रीय कानून मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार अधिनियम के तहत अयोग्य ठहराया है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने रविवार (21 जनवरी) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की निर्वाचन आयोग की सिफारिश को मंजूरी देने को 'तुगलकशाही' करार दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने का राष्ट्रपति का फैसला नैसर्गिक न्याय को पूर्ण रूप से निष्फल बनाना है. कोई सुनवाई नहीं, उच्च न्यायालय के आदेश का कोई इंतजार नहीं. यह बदतरीन किस्म की तुगलकशाही है." कोविंद की मंजूरी के बाद, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपति ने दिल्ली विधानसभा के 20 सदस्यों को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार अधिनियम (जीएनसीटीडी) के तहत अयोग्य ठहराया है.

  1. आप के 20 विधायक अयोग्य घोषित किये गए.
  2. चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से की थी सिफारिश.
  3. 'लाभ के पद' से जुड़ा है मामला.

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निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार (19 जनवरी) को आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराने की सिफारिश की थी. इन सभी पर बतौर संसदीय सचिव लाभ के पद पर आसीन होने के आरोप लगाए गए थे. आयोग ने राष्ट्रपति को अपना सुझाव वकील प्रशांत पटेल की शिकायत पर दिया था. हिंदू लीगल सेल के सदस्य पटेल ने जून 2015 में संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध ठहराते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के समक्ष याचिका दाखिल की थी.

पटेल द्वारा दाखिल शिकायत में कहा गया कि जरनैल सिंह समेत आप के 21 विधायकों को दिल्ली सरकार में मंत्रियों के लिए संसदीय सचिव नियुक्त करके संविधान का उल्लंघन किया गया था. जरनैल सिंह ने पिछले साल पंजाब विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए राजौरी गार्डन सीट से इस्तीफा दे दिया था. 

इन विधायकों को ठहराया गया 'अयोग्य'
जिन 20 विधायकों को अयोग्य ठहराया गया है उसमें आदर्श शास्त्री (द्वारका), अल्का लांबा (चांदनी चौक), अनिल बाजपेयी (गांधी नगर), अवतार सिंह (कालकाजी), कैलाश गहलोत (नजफगढ़), मदन लाल (कस्तूरबा नगर), मनोज कुमार (कोंडली), नरेश यादव (मेहरौली), नितिन त्यागी (लक्ष्मी नगर), प्रवीण कुमार (जंगपुरा) शामिल हैं. गहलोत अब दिल्ली सरकार में मंत्री भी हैं. इनके अलावा राजेश गुप्ता (वजीरपुर), राजेश ऋषि (जनकपुरी), संजीव झा (बुराड़ी), सरिता सिंह (रोहतास नगर), सोमदत्त (सदर बाजार), शरद कुमार (नरेला), शिवचरण गोयल (मोती नगर), सुखबीर सिंह (मुंडका), विजेंद्र गर्ग (राजेंद्रनगर) और जरनैल सिंह (तिलक नगर) भी शामिल हैं.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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