साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहूति देने वाले भारतीय सेना के जवानों को मंगलवार को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। कारगिल विजय दिवस के आज 17 साल पूरे हो गए। दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आज से ठीक 17 साल पहले भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भारतीय जमीन से बाहर कर दिया था, जिसे हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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नई दिल्ली : साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहूति देने वाले भारतीय सेना के जवानों को मंगलवार को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। कारगिल विजय दिवस के आज 17 साल पूरे हो गए। दिल्ली में अमर जवान ज्योति पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। आज से ठीक 17 साल पहले भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भारतीय जमीन से बाहर कर दिया था, जिसे हर वर्ष विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऑपरेशन विजय नाम के इस मिशन में भारतमाता के सैकड़ों वीर सपूतों ने सीमा की रक्षा करते हुए अपनी जानें गंवाईं थी। आज ही दिन देश के जांबाज सैनिकों ने पाकिस्तान को परास्त करके करगिल पर तिरंगा लहराया था। आज पूरा देश करगिल के शहीदों को सलाम कर रहा है।
इंडिया गेट पर आज सुबह कारगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। तीनों सेना प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर ने शहीदों को नमन किया। इससे पहले, तीनों सेना के प्रमुखों ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। द्रास समेत पूरे देश में आज विजय दिवस मनाया जा रहा है। कारगिल विजय दिवस पर पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बता दें कि 1999 में आज ही के दिन कारगिल में विजय का ऐलान किया गया था।
पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को करगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अंतिम सांस तक भारत के लिए लड़ने वाले हर जवान को उनका नमन है। उनका बलिदान हमें प्रेरित करता है। पीएम मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि घुसपैठियों को करार जवाब देने वाले अपने वीर सपूतों के अदम्य साहस को भारत कभी नहीं भूलेगा।
On Kargil Vijay Diwas I bow to every valiant soldier who fought for India till the very last breath. Their heroic sacrifices inspire us.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 26, 2016
भारतीय सेना पाकिस्तान के खिलाफ 17वां कारगिल विजय दिवस मना रही है। सप्ताह भर चलने वाला यह कार्यक्रम मंगलवार को समाप्त होगा। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह ने कारगिल युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहूति देने वाले जवानों को जम्मू कश्मीर के द्रास क्षेत्र में स्थित युद्ध स्मारक पर सोमवार को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कारगिल युद्ध भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास का एक सुनहरा अध्याय है। हमारे वीर जवानों ने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए अदम्य साहस का परिचय देते हुए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिए। हमें अपने वीर सैनिकों पर गर्व है।
1999 में पाकिस्तान ने पीठ में खंजर घोंपते हुए भारत की सीमा पर हमला किया था. भारत के वीर जवानों ने अपनी शहादत देकर न सिर्फ मुल्क की रक्षा की बल्कि पाकिस्तानियों के मंसूबे को नेस्तनाबूत कर दिया। पाकिस्तान ने साल भर पहले से हमले की तैयारी शूरू कर दी थी लेकिन बर्फ से ढंके करगिल में पाकिस्तान के मंसूबे को हम भांप नहीं पाए। नतीजा हुआ कि करगिल की लड़ाई में देश ने अपने 527 जवानों को खो दिया था।
आज भी शहीद जवानों के परिवार वाले अपने सपूत को याद करके खुद पर गर्व महसूस करते हैं। देश भी उन शूरवीरों को सलाम करता है। 3 मई 1999 को सबसे पहले एक चरवाहे ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को देखा था। पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय शुरू किया और फिर शांत बैठा करगिल द्रास का इलाका युद्ध का मैदान बन गया। पाकिस्तान की मंशा लद्दाख को कश्मीर से अलग करने की थी। करीब दो महीने तक चली लड़ाई के बाद पाकिस्तान पूरी तरह टूट गया और फिर भारतीय जवानों ने 14 जुलाई 1999 को कारगिल में जीत का तिरगा फहराया।
Delhi: Defence MInister Manohar Parrikar & 3 Service Chief (Army, Navy, Air Force) pay homage to Kargil war martyrs pic.twitter.com/U5lC1RKxHI
— ANI (@ANI_news) July 26, 2016
Army officers, families of Kargil war heroes pay tribute to Kargil war martyrs in Dras (J&K) on #kargilvijaydiwas pic.twitter.com/r10Gh3BVCI
— ANI (@ANI_news) July 26, 2016