अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में सभी 4 सीटों पर जीत दर्ज की। एबीवीपी ने लगातार दूसरे वर्ष सभी चारों सीटें जीती। इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति (cyss) को बड़ी हार मिली। cyss का खाता भी नहीं खुल पाया।
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नयी दिल्ली : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में सभी 4 सीटों पर जीत दर्ज की। एबीवीपी ने लगातार दूसरे वर्ष सभी चारों सीटें जीती। इस चुनाव में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति (cyss) को बड़ी हार मिली। cyss का खाता भी नहीं खुल पाया। डूसू छात्र संघ के लिए शुक्रवार को हुए चुनाव में 43 फीसदी से अधिक छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस चुनाव में सीबीसीएस को वापस लिये जाने, सुरक्षा, विश्वविद्यालयों के छात्रों के परिवहन और आवास से जुड़ी समस्याएं हावी रहीं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी चार सीटों पर जीत दर्ज की। एबीवीपी ने लगातार दूसरे वर्ष सभी चारों सीटें जीती। इन चार सीटों पर एबीवीपी उम्मीदवारों 4500 से अधित मतों के अंतर से जीते।
चुनाव में एबीवीपी के सतेन्दर अवाना, सनी धेधा, अंजली राणा और छतरपाल यादव ने क्रमश: अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पदों पर जीते। कांग्रेस से जुड़ी छात्र इकाई नेशनल स्टुडेंट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) और आप से जुड़ी छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) को पराजय का सामना करना पड़ा।
इस चुनाव में आप से जुड़ी छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति (सीवाईएसएस) पहली बार मुकाबले में उतरी थी और वह तीसरे स्थान पर रही। डूसू चुनाव के लिए मुख्य चुनाव अधिकारी डी एस रावत ने कहा कि अवाना को 20,439 मत प्राप्त हुए और उन्होंने एनएसयूआई के प्रदीव विजयारन को 6327 मतों के अंतर से पराजित किया जिन्हें 14,112 मत प्राप्त हुए।
एबीवीपी के सनी धेधा ने उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव में सीवाईएसएस की गरिमा राणा को 7570 मतों के अंतर से पराजित किया। धेधा को 19671 मत प्राप्त हुए जबकि राणा को 12,101 मत मिले। डूसू चुनाव में सचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए हुए चुनाव में एबीवीपी उम्मीदवारों की जीत का अंतर क्रमश: 4610 और 6065 रहा। एबीवीपी की अंजली राणा ने सचिव पद के लिए चुनाव में एनएसयूआई के अमित सहरावत को पराजित किया । एबीवीपी के ही छतरपाल यादव ने एनएसयूआई के दीपक चौधरी को पराजित कर संयुक्त सचिव पद पर कब्जा जमाया।
जीत के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष सतेन्दर अवाना ने कहा, सीवाईएसएस के प्रयास केवल बैनरों तक ही सीमित रहे। उन्हें जमीनी हकीकत का पता नहीं था। हम छात्रों के बीच साल भर रहेंगे और अपने वादे पूरा करेंगे। उन्होंने कहा, हम उन्हें (सीवाईएसएस) चुनौती नहीं मानते हैं क्योंकि वे वास्तविक मुद्दों पर बात नहीं करते हैं, एक तरह से उन्होंने हमें फायदा पहुंचाया। डूसू चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद किंग्सवे कैम्प में गणना स्थल के पास एबीवीपी कार्यकर्ताओं में उल्लास का माहौल देखा गया। उन्होंने नारे लगाये और फटाखे फोड़े। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने विजयी उम्मीदवारों को कंधे पर उठाया। पिछले वर्ष भी डूसू चुनाव में एबीवीपी ने सभी चार सीटों पर जीत दर्ज की थी और एनएसयूआई को पराजित किया था।
केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत डूसू से की थी। उन्होंने एबीवीपी की जीत पर ट्विट कर बधाई दी। जेटली ने कहा, एबीवीपी और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को डूसू चुनाव में जीत और सभी चारों सीटें जीतने पर बधाई।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने भी ट्विट करके कहा, परिषद के सभी कार्यकर्ताओं को डूसू चुनाव में सभी सीट जीतने के लिए दिल से बधाई। विचारधारा की जीत, एबीवीपी चमकी। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) के लिए कल हुए चुनाव में 43 फीसदी से अधिक छात्रों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। इस चुनाव में सीबीसीएस को वापस लिये जाने, सुरक्षा, विश्वविद्यालयों के छात्रों के परिवहन और आवास से जुड़ी समस्याएं हावी रहीं।
डूसू चुनाव के लिए 1,35,298 मतदाता हैं।