पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री एवं कांग्रेस नेता शमिष्ठा मुखर्जी ने कहा कि सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ की गई तस्वीरों में ऐसा नजर आ रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति संघ नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरह अभिवादन कर रहे हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली : पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पुत्री एवं कांग्रेस नेता शमिष्ठा मुखर्जी ने गुरुवार रात कहा कि 'जिस बात का उन्हें डर था और अपने पिता को जिस बारे में उन्होंने आगाह किया था, वही हुआ'. उन्होंने आरोप लगाया कि 'जिसका डर था, भाजपा/आरएसएस के 'डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट' ने वही किया'.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ की गई तस्वीरों में ऐसा नजर आ रहा है कि पूर्व राष्ट्रपति संघ नेताओं और कार्यकर्ताओं की तरह अभिवादन कर रहे हैं. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने का विरोध किया था और ट्विटर पर अपने पोस्ट के जरिये उन्होंने अपनी नाखुशी भी जाहिर की थी.
See, this is exactly what I was fearing & warned my father about. Not even few hours have passed, but BJP/RSS dirty tricks dept is at work in full swing! https://t.co/dII3nBSxb6
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) June 7, 2018
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के तमाम नेताओं के विरोध के बावजूद राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयं सेवकों के प्रशिक्षण वर्ग के समापन समारोह में गुरुवार को शामिल हुए और उन्होंने रेशमबाग स्थित आरएसएस मुख्यालय में कार्यक्रम को संबोधित भी किया.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बहुलतावाद एवं सहिष्णुता को भारत की आत्मा करार देते हुए आरएसएस को परोक्ष तौर पर आगाह किया कि धार्मिक मत और असहिष्णुता के माध्यम से भारत को परिभाषित करने का कोई भी प्रयास देश के अस्तित्व को कमजोर करेगा. उन्होंने कहा, हमें अपने सार्वजनिक विमर्श को सभी प्रकार के भय एवं हिंसा, भले ही वह शारीरिक हो या मौखिक, से मुक्त करना होगा. मुखर्जी ने देश के वर्तमान हालात का उल्लेख करते हुए कहा, 'प्रति दिन हम अपने आसपास बढ़ी हुई हिंसा देखते हैं. इस हिंसा के मूल में भय, अविश्वास और अंधकार है.'
पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हमें अपने सार्वजनिक विमर्श को हिंसा से मुक्त करना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमें शांति, सौहार्द्र और प्रसन्नता की ओर बढ़ना होगा. मुखर्जी ने कहा कि हमारे राष्ट्र को धर्म, हठधर्मिता या असहिष्णुता के माध्यम से परिभाषित करने का कोई भी प्रयास केवल हमारे अस्तित्व को ही कमजोर करेगा.
पूर्व राष्ट्रपति के संबोधन से पहले संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस के कार्यक्रम में मुखर्जी के भाग लेने को लेकर छिड़ी बहस ‘निरर्थक’ है तथा उनके संगठन में कोई भी व्यक्ति बाहरी नहीं है.
दरअसल, आरएसएस कार्यक्रम में मुखर्जी की शिरकत का कांग्रेस के कई नेताओं ने तीखा विरोध किया था. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने उनके इस फैसले से असहमति जताते हुए कहा कि ‘प्रणब दा’ से ऐसी उम्मीद नहीं थी. वहीं, गुरुवार को ही मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा था कि उनके पिता आरएसएस के कार्यक्रम में भाषण देने के अपने फैसले से भाजपा और आरएसएस को झूठी खबरें फैलाने का मौका दे रहे हैं.
उन्होंने ट्वीट किया था कि उनका भाषण बिसार दिया जाएगा केवल तस्वीर ही बची रह जाएगी. उन्होंने उम्मीद की कि पूर्व राष्ट्रपति अहसास करेंगे कि भाजपा का ‘डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट’ कैसे काम करता है और उन्होंने ऐसे कार्यक्रम में शामिल होने के परिणामों को लेकर उन्हें चेताया.
जयराम रमेश, सी के जाफर शरीफ समेत कई कांग्रेस नेताओं ने भी उन्हें लिखा जबकि आनंद शर्मा समेत कुछ नेता मुखर्जी को नागपुर नहीं जाने के लिए उन्हें मनाने भी गये थे.