बुराड़ी केस: 11 रजिस्टरों ने खोली 11 मौतों की गुत्थी, 7 दिन से चल रही थी पूजा
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बुराड़ी केस: 11 रजिस्टरों ने खोली 11 मौतों की गुत्थी, 7 दिन से चल रही थी पूजा

पुलिस को घर से 11 रजिस्टर मिले हैं जिसमें मौत की पूरी स्क्रिप्ट पहले से लिखी हुई है. 

एक आत्मा को खुश करने के चक्कर मे 11 ज़िंदा लोग आत्मा बन गई....(फाइल फोटो)

प्रमोद शर्मा.नई दिल्ली: बुराड़ी में हुई 11 मौतों के रहस्य को क्राइम ब्रांच ने पूरी तरह से सुलझाने का दावा किया है. पुलिस ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है. पुलिस को घर से 11 रजिस्टर मिले हैं जिसमें मौत की पूरी स्क्रिप्ट पहले से लिखी हुई है. दरअसल 11 मौतों की कहानी की शुरुआत 11 साल पहले से 2007 से हुई जब परिवार के मुखिया भोपाल सिंह की मौत हो गई. उसके बाद से ही परिवार के सबसे छोटे बेटे ललित के अंदर उसके पिता की आत्मा आने लगी. 

  1. घर मे लगे थे रहस्यमय 11 पाइप
  2. 11 साल से ललित कर रहा पिता की आवाज़ में बात
  3. परिवार की खुशहाली के लिए 7 दिन की तपस्या

ललित 11 साल से पिता की आत्मा आने के बाद पिता की आवाज़ में परिवार से बात करता उन्हें क्या फैसला लेना है. वो पिता की आत्मा आने के बाद ललित ही लेता था. परिवार के 11 सदस्यों को यकीन हो चुका था कि ललित के अंदर उसके पिता की आत्मा आ जाती है. 11 साल से ललित ही पिता की आत्मा आने के बाद जो फैसला लेता उसकी वजह से ही परिवार की पिछले 11 साल में काफी तरक्की हुई. एक दुकान से 3 दुकान हो गई. घर भी अब दोबारा बनाया जा रहा था. 

प्रियंका मांगलिक थी जिसकी वजह से उसकी शादी नहीं हो रही थी. पिता के कहने पर जब एक ख़ास पूजा करने के बाद 17 जून को उसकी शादी एक अच्छे लड़के से तय होने के बाद सगाई भी हो गई तो परिवार काफी खुश था. ललित के अंदर उसके पिता आए और उन्होंने 24 जून से 7 दिन तक चलने वाली बड़ पूजा यानी बरगद की तपस्या करने को कहा. ललित ने परिवार को बताया कि हमें 24 जून से 7 दिन तक बरगद की तपस्या करनी है. जिसके बाद हमारे दिन और अच्छे और खुशहाल हो जाएंगे. 

परिवार 24 जून से रोज़ रात को पूजा करते थे. इस पूजा से पहले ही 30 तारीख की रात 12 से 1 बजे के बीच मे सबको बरगद के पेड़ की शाखाओं की तरह खड़ा होना है. किसको कहां खड़ा होना है. क्या करना है ये सब रजिस्टर में पहले से ही लिखा था.

30 जून की रात का घटनाक्रम सीसीटीवी में

10:00 बजे नीतू और उसकी मां 6 काली रंग के स्टूल लेकर ऊपर गई.
10:40 पर डिलीवरी बॉय खाना लेकर आया और उसने प्रियंका को दिया
10.57 भूपी कुत्ते को घुमाने के लिए बाहर आया

अगले दिन सुबह
5:56 ट्रक दूध लेकर आता है. आमतौर पर दुकान सुबह 6 बजे खुल जाती है. लेकिन जब दुकान नहीं खुली तो ट्रक वाले के कई बार फोन मिलाया लेकिन किसी ने पिक नहीं किया. 
ट्रक 06:03 पर चला गया
7:14 नौकरों ने पड़ोस के सरदार को बोला, वो ऊपर गया, 35 सेकेंड में नीचे आ गया. और शोर मचा दिया. 

पुलिस ने जब तमाम रजिस्टर को पढ़ा तो पाया कि परिवार का खुदकुशी के कोई इरादा नहीं था. ये तपस्या वो अपने अच्छे भविष्य के लिए कर रहे थे लेकिन एक हादसे के तौर पर उनकी मौत हो गई. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक ये परिवार बरगद की तपस्या करके अपने परिवार की खुशहाली के लिए ये पूजा कर रहे थे जो 7 दिन से चल रही थी. एक आत्मा को खुश करने के चक्कर मे 11 ज़िंदा लोग आत्मा बन गई. 

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