लाभ के पद का मामला: AAP के 20 विधायक अयोग्य घोषित, चुनाव आयोग ने राष्‍ट्रपति को भेजी रिपोर्ट
Advertisement
trendingNow1366405

लाभ के पद का मामला: AAP के 20 विधायक अयोग्य घोषित, चुनाव आयोग ने राष्‍ट्रपति को भेजी रिपोर्ट

 लाभ का पद के मामले में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया है- सूत्र  

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल का फाइल फोटो...

नई दिल्‍ली : दिल्‍ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्‍व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार को बड़ा झटका लगा है. सूत्रों के अनुसार, लाभ के पद के मामले में दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को चुनाव आयोग ने अयोग्य घोषित कर दिया है. इस बाबत चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी है. आपको बता दें कि इन विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद से ही इनकी सदस्यता पर खतरा मंडरा रहा था.

  1. चुनाव आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी- सूत्र
  2. आम आदमी पूरे मामले में अपना बचाव कर रही है.
  3. AAP सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था.

अब राष्‍ट्रपति के फैसले पर नजर
अगर राष्‍ट्रपति इस फैसले पर अपनी मुहर लगा देते हैं, तो ऐसे में आम आदमी पार्टी के इन 20 विधायकों की सदस्‍यता रद्द हो जाएगी. हालांकि अभी इनके पास सुप्रीम कोर्ट में दरवाजा खटखटाने का रास्‍ता बना हुआ है. हालांकि चुनाव आयोग ने कहा है कि आप विधायकों पर सिफारिश विचाराधीन है, राष्ट्रपति को क्या सिफारिश भेजी गई है, हम इस पर अभी टिप्पणी नहीं करेंगे.

यह विधायकों के पक्ष को सुने बिना की गई अनुशंसा है- केजरीवाल के मीडिया सलाहकार
दिल्‍ली सरकार के प्रवक्‍ता और मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार नागेंद्र शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मोदी सरकार द्वारा नियुक्‍त किया गया चुनाव आयोग जो जानकारी मीडिया में लीक कर रहा है वह विधायकों के पक्ष को सुने बिना की गई अनुशंसा है. लाभ के पद का आरोप पूरी तरह से निराधार है. पक्षपातपूर्ण यह अनुशंसा अदालत के सामने नहीं टिकेगी.

पढ़ें- लाभ के पद का मामला: केजरीवाल सरकार ने कहा, हमारा पक्ष सुने बिना की गई अनुशंसा

उन्‍होंने ट्वीट के जरिये आगे कहा कि चुनाव आयोग के इतिहास में यह अपनी तरह की पहली अनुशंसा है जो संबंधित पक्ष को सुने बिना की गई है. लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग में कोई भी सुनवाई नहीं हुई है. उन्‍होंने अगला ट्वीट किया, बीजेपी अपने एजेंटों के माध्‍यम से चुनाव आयोग की छवि को बुरी तरह नुकसान पहुंचा रही है. उसकी ओर से यह प्रयास देश का ध्‍यान अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए किया गया है.

पढ़ें- AAP के 20 विधायक अयोग्य घोषित, विजेंद्र गुप्ता बोले- केजरीवाल की नैतिक हार

चुनाव आयोग द्वारा जिन आप विधायकों को अयोग्‍य घोषित किया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं...

  • शरद कुमार (नरेला विधानसभा)
  • सोमदत्त (सदर बाजार)
  • आदर्श शास्त्री (द्वारका)
  • अवतार सिंह (कालकाजी)
  • नितिन त्यागी (लक्ष्‍मी)
  • अनिल कुमार बाजपेयी (गांधी नगर)
  • मदन लाल (कस्‍तूरबा नगर) 
  • विजेंद्र गर्ग विजय (राजेंद्र नगर)
  • शिवचरण गोयल (मोती नगर)
  • संजीव झा (बुराड़ी)
  • कैलाश गहलोत (नजफगढ़)
  • सरिता सिंह (रोहताश नगर) 
  • अलका लांबा (चांदनी चौक)
  • नरेश यादव (महरौली)
  • मनोज कुमार (कौंडली)
  • राजेश गुप्ता (वजीरपुर)
  • राजेश ऋषि (जनकपुरी)
  • सुखबीर सिंह दलाल (मुंडका)
  • जरनैल सिंह (तिलक नगर)
  • प्रवीण कुमार (जंगपुरा)

क्या है मामला
आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था. इसे लाभ का पद बताते हुए प्रशांत पटेल नाम के वकील ने राष्ट्रपति के पास शिकायत की थी. पटेल ने इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. हालांकि विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई है.

केंद्र ने जताई थी आपत्ति
दूसरी तरफ, केंद्र सरकार ने विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में आपत्ति जताई. केंद्र सरकार ने कहा था कि दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव हो सकता है, जो मुख्यमंत्री के पास होगा. इन विधायकों को यह पद देने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है. संविधान के अनुच्‍छेद 102(1)(A) और 191(1)(A) के अनुसार संसद या फिर विधानसभा का कोई सदस्य अगर लाभ के किसी पद पर होता है तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है. यह लाभ का पद केंद्र और राज्य किसी भी सरकार का हो सकता है.

Trending news