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नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को शहर के तीनों निगमों से कहा कि वे अपने उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करे जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में अपने इलाकों में स्वच्छता सुनिश्चित नहीं की है. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्त सी हरि शंकर की पीठ ने एक मीडिया हाउस की ओर से पेश किए गए उन वीडियो को देखने के बाद यह टिप्पणी की जिनमें शहर के कई इलाकों में कचरा एकत्र हुआ नजर आ रहा है. पीठ ने कहा कि जिन मच्छरों से चिकनगुनिया जैसी बीमारी होती है उन मच्छरों को पनपने देना गैरइरादतन हत्या व लापरवाही से वाहन चलाने जैसे गंभीर अपराध के समान है.
निगमों के आला अधिकारियों को इसपर कड़ाई से कदम उठाने की जरूरत है. अदालत ने निगम अधिकारियों से पूछा कि काम में लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के साथ क्यों न गैरइरादतन हत्या और लापरवाही से वाहन चलाने के दोषी के समान बरताव किया जाए.
इससे पहले अदालत ने कहा था कि पर्याप्त रूप से कचरा निस्तारण नहीं किए जाने के कारण डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोग फैलते हैं. अदालत ने निगमों को कचरा हटाने और शहर की सफाई सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया था.अदालत ने बुधवार को निगमों से कहा कि वह 27 जून से पहले हलफनामा दायर कर बताए कि उसने क्या कार्रवाई की है, इसके अलावा यह भी बताए कि अधिकारियों से चूक होने पर उनके खिलाफ क्या अनुशासनात्मक कार्वाई की गई है.
पीठ ने कहा कि उस हलफनामे में उन प्रस्तावित कदमों का जिक्र भी होना चाहिए जो निगम स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना को लागू करने के लिए उठाएंगे.अदालत अधिवक्ता अपर्ति भार्गव और गौरी ग्रोवर द्वारा दायर दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी. इसमें डेंगू और चिकनगुनिया जैसे रोगों को फैलने से रोकने के लिए निगमों को निर्देश देने की मांग की गई थी.
(एजेंसी इनपुट के साथ)