दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में नहीं हुआ सुधार, घर से कम से कम निकलने की सलाह
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दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में नहीं हुआ सुधार, घर से कम से कम निकलने की सलाह

 राष्ट्रीय राजधानी के 30 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई जबकि पांच इलाकों में यह बहुत खराब श्रेणी में रही. 

.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार तीसरे दिन गंभीर श्रेणी में बनी रही क्योंकि हवा की गति और अन्य मौसमी कारक प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिये ‘बेहद प्रतिकूल’ रहे. अधिकारियों ने कहा कि क्रिसमस की शाम तक राष्ट्रीय राजधानी में खतरनाक प्रदूषण जारी रहेगा. दिल्ली दिवाली के समय से अपने सर्वोच्च प्रदूषण स्तर का सामना कर रही है. अधिकारियों ने लोगों को घर के बाहर की गतिविधियां कम से कम करने और निजी वाहनों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी है.

एक ओर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 448 के ‘गंभीर’ स्तर पर रहा वहीं केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने 468 का बढ़ा हुआ एक्यूआई दर्शाया है. सीपीसीबी के मुताबिक, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी के 30 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई जबकि पांच इलाकों में यह बहुत खराब श्रेणी में रही.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में नोएडा में सबसे खराब 464 का एक्यूआई दर्ज किया गया. वहीं गाजियाबाद और फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ दर्ज की गई. गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता बेहद खराब दर्ज की गई. सीपीसीबी ने बताया कि यहां हवा में अतिसूक्ष्म कणों पीएम 2.5 का स्तर 407 रहा जबकि पीएम 10 का स्तर 581 दर्ज किया गया. दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को गंभीर हो गई. रविवार को वायु की गुणवत्ता साल की दूसरी सर्वाधिक खराब रही. रविवार को एक्यूआई 450 रहा. सफर के अनुसार दिल्ली में संपूर्ण वायु गुणवत्ता मंगलवार तक गंभीर श्रेणी में बने रहने की आशंका है.

सफर ने कहा, ‘‘मंगलवार देर शाम से सुधार की उम्मीद है, जब पर्याप्त धूप की वजह से कोहरा खत्म होगा.’’ भारतीय ऊष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईएमटी) के मुताबिक, हवा की गुणवत्ता में मंगलवार को सुधार हो सकता है लेकिन वह ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ की ऊपरी श्रेणी में ही बनी रहेगी. संस्थान ने कहा, “प्रदूषक तत्वों के बिखराव के लिए वायु की गति और वेंटिलेशन सूचकांक बेहद प्रतिकूल है.” वेंटिलेशन सूचकांक वह गति है, जिसपर प्रदूषक तत्व बिखर सकते हैं. 6000 वर्गमीटर / सेकेंड से कम वेंटिलेशन सूचकांक के साथ औसतन हवा की गति 10 किमी प्रति घंटे से कम रहना प्रदूषकों के बिखराव के लिए प्रतिकूल है.

इसने बताया कि सोमवार को वेंटिलेशन सूचकांक 4500 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड रहा. मौसम विभाग ने कहा कि हवा की धीमी गति और कम तापमान अगले तीन से पांच दिन तक बने रहने की संभावना है जिससे प्रदूषक तत्वों का बिखराव अच्छे से नहीं होगा और वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में अगले दो-तीन दिन तक बरकरार रह सकती है.

सीपीसीबी नीत कार्य बल ने अधिकारियों को पहले से मौजूद उपायों को लागू करने के लिए कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं खासकर वाहनों एवं जैव ईंधनों से होने वाले उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए. सफर ने एक स्वास्थ्य परामर्श में दिल्लीवासियों से साधारण मास्क पर निर्भर नहीं रहने को कहा है.

एजेंसी ने सलाह दी है कि लोग घर से कम से कम बाहर निकलें. साथ ही खिड़कियों को बंद रखने और लकड़ी, मोमबत्ती या अगरबत्ती तक जलाने से बचने की सलाह दी है. इस परामर्श में लोगों से गीला पोछा लगाने और बाहरी गतिविधियों के लिए एन-95 मास्क या पी-100 रस्पिरेटर्स का इस्तेमाल करने को कहा गया है.

इनपुट भाषा से भी 

 

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