दिवाली में दिल्ली का निकला दम! वायु प्रदूषण पहुंचा खतरनाक स्तर पर
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दिवाली में दिल्ली का निकला दम! वायु प्रदूषण पहुंचा खतरनाक स्तर पर

दीपावली के पटाखों का धुंआ, आर्द्रता और हवा का नामोनिशान नहीं। इस सब ने मिलकर दिल्ली में हवा को बेहद प्रदूषित कर दिया जिसकी वजह से शहर में धुंध की मोटी परत छा गई और सांस के साथ शरीर में प्रवेश करने वाले प्रदूषण तत्व खतरनाक स्तर पर पहुंच गए। आज तड़के काफी छोटे प्रदूषण तत्वों (पीएम2.5 से पीएम10) का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। पुणे के सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च) ने इसका अंदेशा पहले ही जता दिया था।

प्रतीकात्मक तस्वीर

नयी दिल्ली: दीपावली के पटाखों का धुंआ, आर्द्रता और हवा का नामोनिशान नहीं। इस सब ने मिलकर दिल्ली में हवा को बेहद प्रदूषित कर दिया जिसकी वजह से शहर में धुंध की मोटी परत छा गई और सांस के साथ शरीर में प्रवेश करने वाले प्रदूषण तत्व खतरनाक स्तर पर पहुंच गए। आज तड़के काफी छोटे प्रदूषण तत्वों (पीएम2.5 से पीएम10) का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। पुणे के सफर (सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च) ने इसका अंदेशा पहले ही जता दिया था।

तड़के लगभग दो बजे पीएम10 के स्तर ने आरके पुरम और आनंद विहार समेत शहर के कई इलाकों में 1,000 माइक्रोग्राम के निशान को पार कर लिया। पीएम10 का सुरक्षित स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर होता है। हालांकि सफदरगंज वेधशाला में आधिकारिक दृश्यता 200 मीटर दर्ज की गई लेकिन सुबह के समय शहर के कई इलाकों में दृश्यता शून्य थी, यहां तक कि भूमिगत मेट्रो स्टेशनों में भी भारी धुंआ भरा हुआ था।

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के मुताबिक पीएम2.5 का सुरक्षित स्तर 60 माइक्रोग्राम होता है लेकिन सुबह दो बजे आनंद विहार में यह 883 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और आरके पुरम में 748 माइक्रोग्राम था। शांति पथ जैसे इलाके, जहां प्रदूषण बहुत ज्यादा होने पर भी आमतौर पर वायु की गुणवत्ता मध्यम स्तर की बनी रहती है वहां भी अमेरिकी दूतावास की प्रदूषण जांच में पीएम 2.5 का स्तर अधिकतम की श्रेणी से भी कहीं अधिक का था।

सफर के प्रोजेक्ट निदेशक गुरफान बेग ने इससे पूर्व कहा था, ‘30 और 31 अक्टूबर की रात 11 बजे से तीन बजे के बीच पीएम10 और पीएम2.5 उच्चतम स्तर पर पहुंच सकते हैं। 31 अक्टूबर को हवा की गुणवत्ता बेहद खराब होगी, एक नवंबर से इसमें थोड़ा-थोड़ा सुधारा आने लगेगा।’ सुरक्षित स्तरों से कहीं ज्यादा स्तर पर पहुंच चुके पीएम2.5 और पीएम10 के संपर्क में लंबे समय तक रहने से श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि ये कण बेहद छोटे होते हैं और फेफड़ों में गहरे तक चले जाते हैं तथा खून में मिल जाते हैं। शहर की हवा पर नजर रखने वाली एजेंसी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के लगभग सभी निगरानी स्टेशनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक काफी खराब दर्ज किया गया।

सफर और सीपीसीबी ने परामर्श जारी किया है कि जब भी वायु की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब हो तो लोगों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। ये बच्चों, बुजुर्गों और हृदय तथा फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए घातक है। दीपावली के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। कम तापमान और हवा नहीं चलने के कारण स्थिति और बिगड़ जाती है। पंजाब और हरियाणा में इसी दौरान खेतों में पराली जलाई जाती है जिसमें से निकलने वाला धुंआ प्रदूषण को और बढ़ा देता है।

दिवाली के मौके पर चलाए जा रहे पटाखों की वजह से राष्ट्रीय राजधानी के ऊपर धुंए की चादर छा गई है जिससे हवा की गुणवत्ता दिवाली के दिन गिरकर ‘गंभीर’ श्रेणी में चली गई जो लोगों के सांस लेने की प्रणाली को प्रभावित कर सकती है। दिवाली के अगले दिन यानी सोमवार हो धुंध की परत छाई रही जिस कारण दृश्यता की स्थिति काफी खराब रही। मौसम अधिकारियों ने बताया कि राजधानी के कई इलाकों में कोहरा हल्के से मध्यम स्तर के बीच रहा। सफदरजंग वेधशाला ने दृश्यता सीमा 200 मीटर दर्ज की। कोहरे और धूएं के मिश्रण से मौसम में छाई धुंध के लिए रविवार रात दीवाली के मौके पर लगातार जलाए गए पटाखों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी एंड वेदर फॉरकास्ट एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के केंद्रों ने दिवाली रात करीब 8 बजे श्वसनीय प्रदूषकों पीएम 2.5 और पीएम 10 को क्रमश: 283 और 517 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रिकॉर्ड किया जो सुरक्षित सीमा से कई गुणा अधिक है। पीएम 2.5 और पीएम 10 का निर्धारित मानक क्रमश: 60 और 100 है और इससे कुछ भी ज्यादा सांस लेने की प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। अत्यंत सुक्ष्म पार्टिकूलेट्स फेफड़ों में बैठ जाते हैं और रक्तधारा में भी प्रवेश कर जाते हैं। पूसा रोड, मथुरा रोड, धीरपुर, दिल्ली विश्वविद्यालय, पीतमपुरा और नोएड़ा में स्थित एसएएफएआर के निगरानी केंद्रों ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ जोन में रखा है।

इसने अपने पूर्वानुमान में कहा था कि शहर की हवा 30 और 31 अक्टूबर को गंभीर रूप से प्रदूषित होगी। आरके पुरम, आनंद विहार, मंदिर मार्ग, शादीपुर जैसे इलाकों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के निगरानी स्टेशनों ने भी गंभीर ही कहा था। रात 8 बजे तक डीपीसीपी के पंजाबी बाग और आनंद विहार स्टेशनों ने पीएम 2.5 क्रमश: 202 और 240 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया है जबकि पीएम 10 बढ़कर क्रमश: 429 और 766 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मीटर हो गया है।

न्यूनतम तापमान 15.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम का सामान्य तापमान है। वहीं अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। अधिकारी ने कहा कि आज दिन में आसमान साफ रहेगा। उन्होंने बताया कि सोमवार सुबह साढ़े 8 बजे हवा में 94 प्रतिशत आर्द्रता दर्ज की गई। रविवार का अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 31.7 डिग्री सेल्सियस और 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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