पीरियड्स संबंधी मिथकों और वर्जनाओं को तोड़ने के क्रम में आई आई टी दिल्ली के छात्रों ने युवतियों और महिलाओं के लिए कई गेम तैयार किए हैं.
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नई दिल्ली: पीरियड्स संबंधी मिथकों और वर्जनाओं को तोड़ने के क्रम में आई आई टी- दिल्ली के छात्रों ने युवतियों और महिलाओं के लिए कई गेम तैयार किए हैं जिससे कि मनोरंजक और आकर्षक तरीके से जागरूकता फैलाने का काम किया जा सके. इनमें पहेली, रूलेट और पीरियड्स संबंधी मूल चीजों पर फोकस करने वाले तीन गेमों का सेट शामिल है. इनमें बताया जाता है कि सैनिटरी नैप्किन कब-कब बदला जाना चाहिए और उसे कैसे निपटाया जाना चाहिए. संस्थान में प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही रितिका ने कहा, ‘‘हमने मौखिक जागरूकता सत्रों की जगह तब तीन गेमों का सेट डिजाइन तैयार करने का फैसला किया.
इशिता ने कहा, ‘‘हम महिलाओं को अपने सामने गेम खिलाते हैं
जब हमने पाया कि महिलाओं में पीरियड्स के बारे में जागरूकता की कमी है. ’’ बायो टेक्नोलॉजी की छात्रा इशिता गुप्ता ने कहा, ‘‘मौखिक सत्र और फिर इन गेमों को खेलने के बाद इन गेमों का असर जानने के लिए हमने एक सर्वेक्षण किया जिसमें हमने महिलाओं से पीरियड्स के संबंध में एक प्रश्नावली भरने को कहा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मौखिक सत्र के बाद, 10 में से औसतन छह प्रश्नों के उत्तर सही दिए गए, जबकि मॉड्यूल आधारित सर्वेक्षण में महिलाओं ने 8.6 प्रतिशत प्रश्नों के सही जवाब दिए.’’ इशिता ने कहा, ‘‘हम महिलाओं को अपने सामने गेम खिलाते हैं और इसे खेलने में उनकी मदद करते हैं.
यदि वे गलतियां करती हैं तो हम उन्हें सही कराते हैं जिससे कि उनके मस्तिष्क में कोई गलत अवधारणा बाकी न रहना सुनिश्चत हो सके.’’ आईआईटी दिल्ली की छात्रा तन्वी ने कहा, ‘‘मुझे एक जागरूकता कार्यक्रम में एक लड़की से हुई बातचीत याद है जिसमें उसने बताया कि उसके लिए उसके परिवार में महिलाओं को कपड़े के टुकड़े की जगह सैनिटरी नैप्किन के इस्तेमाल के लिए समझाना कितना मुश्किल था. ’’
अब तक 1,500 से अधिक महिलाओं को जागरूक किया जा चुका है
सिविल इंजीनियरिंग की 19 वर्षीय छात्रा ने कहा, ‘‘इसलिए यह परियोजना सिर्फ स्कूली लड़कियों के लिए नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए भी है ताकि इसका पूरा फायदा सुनिश्चित किया जा सके.’’ ‘प्रोजेक्ट तितली’ नाम की इस पहल के तहत अब तक 1,500 से अधिक महिलाओं को जागरूक किया जा चुका है.
कभी भी पीरियड्स हों तो लड़कियों के लिए है खतरा, हो सकती है ये बड़ी समस्या
आजकल महिलाओं में ओवेरियन सिस्ट यानी ओवरी या अंडाशय में गांठ बनने की समस्या आम हो गई है. आमतौर पर यह समस्या 40 की उम्र के बाद होती है. लेकिन, हार्मोनल इम्बैलेंस के कारण लड़कियों को भी इसका सामना करना पड़ता है. इसका पता आप ओवरी में दर्द, सूजन, अनियमित पीरियड्स आदि से लगा सकते हैं. ओवरी सिस्ट को ऑपरेशन द्वारा ठीक किया जा सकता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बिना ऑपरेशन के नेचुरल तरीके से भी इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है.
पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से भी राहत
सिस्ट से छुटकारा पाने के लिए सेब साइडर विनेगर सबसे प्रभावशाली तरीका है. क्योंकि सिस्ट व गांठ पोटेशियम की कमी की वजह से बनती है और एप्पल साइडर विनेगर में उच्च मात्रा में पोटेशियम होता है, जो सिस्ट को नेचुरल तरीके से घोलकर खत्म कर सकता है. आपको एक ग्लास गर्म पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर और एक चम्मच गुड़रस मिलाकर हर रोज एक-दो गिलास पीना हैं. इससे आपको पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से भी राहत मिलेगी.
चुकंदर खून बढ़ाने में सहायक
चुकंदर में बेटासाइनिन होता है जो लिवर के टॉक्सिन्स को साफ करने की क्षमता बढ़ाता है. यह एसिडिटी की समस्या तो दूर करता ही है, साथ ही खून बढ़ाने में भी सहायक है. रोज आधा कप ताजे चुकंदर का जूस निकालकर उसमें एक चम्मच एलोवेरा जेल और गुड़ रस मिलाकर इसे नाश्ते से पहले दिन में एक बार कम से कम 30 दिन तक पीने से आपको इसका लाभ जल्द देखने को मिलेगा.
पेल्विक ऐरिया में ब्लड फ्लो बढ़ाएं
हर्बल चाय पीकर प्राकृतिक रूप से सिस्ट से छुटकारा मिल सकता है. क्योंकि, इसके हर्बल तत्व आपका दर्द कम करने के साथ ही यह गर्भाशय और पेल्विक ऐरिया में ब्लड फ्लो को बढ़ाता है. इसके लिए कुछ सूखे कैमोमाइल को 2-3 मिनट के लिए पानी में भिगोकर उबालकर पी सकते हैं और इसे स्वादिष्ट बनाने के लिए इसमें थोड़ा शहद भी मिला सकते हैं. इसे दिन में 2-3 बार पीएं फिर फर्क देखें.
अदरक दर्द से राहत पहुंचाता है
अदरक में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करते है और दर्द से राहत पहुंचाता है. यह बॉडी की गर्मी को भी बढ़ाता है, जिससे पीरियड्स की अनियमियता ठीक हो जाती है. आपको अदरक के कुछ टुकड़ों को आधा कप सेब के जूस, दो सेल्री स्टाक और अनानास के कुछ टुकड़ों को डालकर इसका रस निकालें. फिर यह रस रोजाना दिन में दो बार पीएं जिससे आपको ओवेरियन सिस्ट की समस्या जल्द ही समाप्त हो जाएगी.
एस्ट्रोजन को करें संतुलित
अलसी के बीज भी सिस्ट या गांठ को सही करने का कारगर उपाय है. इससे शरीर में एस्ट्रोजन का संतुलन बना रहता है. क्योंकि अलसी के बीजों में फाइबर की मात्रा अधिक होती है जिससे बॉडी के अंदर से नुकसानदायक टॉक्सिन्स, कोलेस्ट्रॉल और अन्य लिवर को नुकसान करने वाले तत्व बाहर निकल जाते हैं. रोज खाली पेट एक चम्मच असली के बीज को पीस कर एक ग्लास गर्म पानी में घोलकर पीएं.
इनपुट भाषा से भी