चुनाव में इनेलो को अब तक का सबसे कम मत प्रतिशत
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चुनाव में इनेलो को अब तक का सबसे कम मत प्रतिशत

हरियाणा में करीब 10 वर्ष बाद कांग्रेस से सत्ता हथियाने पर नजरें गड़ाने वाली विपक्षी इनेलो ने 2000 के बाद लड़े गए चार विधानसभा चुनावों में इस बार के चुनाव में सबसे कम मत प्रतिशत हासिल किया।

चंडीगढ़ : हरियाणा में करीब 10 वर्ष बाद कांग्रेस से सत्ता हथियाने पर नजरें गड़ाने वाली विपक्षी इनेलो ने 2000 के बाद लड़े गए चार विधानसभा चुनावों में इस बार के चुनाव में सबसे कम मत प्रतिशत हासिल किया।

ऐसा इसके बावजूद हुआ कि इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने तिहाड़ जेल में शपथ ग्रहण करने का इरादा तक घोषित कर दिया था।

ना केवल इनेलो बल्कि कांग्रेस ने भी अपने मत प्रतिशत में भारी गिरावट देखी। कांग्रेस को 20.6 प्रतिशत वोट मिले थे। 1966 के बाद से ऐसा तीसरी बार है जब कांग्रेस को इतना कम वोट प्रतिशत मिला है। 1977 में पार्टी ने 83 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से वह मात्र तीन सीटों पर जीत दर्ज कर सकी जबकि 1996 में वह 90 सीटों में से नौ सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी।

इससे पहले कांग्रेस को सबसे कम तीन सीटें 1977 के विधानसभा चुनाव में मिली थी जब आपातकाल हटाये जाने के बाद चुनाव हुआ था। 1977 में जनता पार्टी ने 46.70 वोट प्रतिशत हासिल करके 90 में से 75 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

कांग्रेस को सबसे अधिक 46.91 प्रतिशत वोट 1972 में मिले थे जब पार्टी ने 82 सीटों पर चुनाव लड़कर 52 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

जहां तक इनेलो का सवाल है पार्टी ने 2000 के विधानसभा चुपनाव में 29.61 प्रतिशत वोट हासिल किया था जब उसने 62 सीटों पर चुनाव लड़कर 47 पर जीत दर्ज की थी। इनेलो का वोट प्रतिशत 2005 में गिरकर 26.77 प्रतिशत हो गया जब उसने 89 सीटों पर चुनाव लड़कर नौ पर जीत दर्ज की थी।

चौटाला नीत पार्टी के नुकसान होने का सिलसिला जारी रहा और उसका वोट प्रतिशत 2009 के विधानसभा चुनाव में गिरकर 24.1 प्रतिशत पर आ गया। उस चुनाव में पार्टी ने 88 सीटों पर चुनाव लड़ा जिसमें से उसने 19 पर जीत दर्ज की।

बसपा भी हरियाणा में आगे बढ़ने पर असफल रही है। 1991, 2000, 2005, 2009 और 2014 में पार्टी मात्र एक ही सीट पर जीत दर्ज कर सकी।

बसपा का वोट प्रतिशत भी लगभग पांच प्रतिशत के आसपास रहा है। मात्र 2009 में पार्टी को 6.73 प्रतिशत वोट मिला था।

 

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