जाट आरक्षण को लेकर दिल्ली में जाटों ने प्रेस वार्ता कर कहा, 'सरकारों ने जाटों को आरक्षण के मामले पर भ्रमित किया है, इसलिए सरकार के विरोध में प्रचार-प्रसार किया जाएगा.
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नितिन धीमन, जींद: आगामी लोकसभा चुनाव (Lok sabha elections 2019) को देखते हुए जाट भी आरक्षण की मांग को लेकर सामने आ गए हैं. जाट आरक्षण को लेकर दिल्ली में जाटों ने प्रेस वार्ता कर कहा, 'सरकारों ने जाटों को आरक्षण के मामले पर भ्रमित किया है, इसलिए सरकार के विरोध में प्रचार-प्रसार किया जाएगा. उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा कि वे जींद जाकर लोगों को कहेंगे कि जो आरक्षण की बात करेगा, सिर्फ उस नेता को ही वोट दें, या फिर नोटा (NOTA) का बटन दबा दें.
जाट आरक्षण बचाओ महा आंदोलन की तरफ से कई राज्यों के जाट नेताओं ने इसका ऐलान किया. उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा की मौजूदा सरकार ने जाट समाज को ठगने का काम किया है. आर्थिक आधार पर सवर्ण गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के सवाल पर जाटों ने कहा कि जब सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती है तो उनकी मांग को क्यों नहीं पूरा किया जा रहा है.
ऑल इंडिया जाट आरक्षण बचाओ आंदोलन के चीफ कॉर्डिनेटर धर्मवीर चौधरी ने कहा कि हरियाणा और केंद्र की मौजूदा सरकार ने जाटों को ठगने का काम किया है. हम जाट समाज से अनुरोध करेंगे कि वे केवल आरक्षण दिलाने वाले नेताओं को ही वोट दें नहीं तो नोटा दबा दें.
मालूम हो कि हाल में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनावों में SC\ST एक्ट से नाराज राजपूतों ने भारी संख्या में नोटा का बटन दबा दिया था. ऐसे में जाट समाज की ओर से भी अगर लोकसभा चुनाव में नोटा का बटन दबाया जाता है तो यह सभी राजनीतिक दलों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है.