मोदी सरकार बुजुर्गों को देगी 10 हजार रुपए पेंशन, 10 साल तक मिलेगा लाभ
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मोदी सरकार बुजुर्गों को देगी 10 हजार रुपए पेंशन, 10 साल तक मिलेगा लाभ

केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) का दायरा 31 मार्च 2020 तक बढ़ाया, अब कर सकेंगे 15 लाख रुपए तक निवेश

योजना में 10 साल तक 8 प्रतिशत सुनिश्चित रिटर्न के रूप में पेंशन मिलती है. (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी लेकर आई है. अब प्रधानमंत्री वय वंदना योजना (PMVVY) के अंतर्गत वरिष्‍ठ नागरिक 15 लाख रुपए तक निवेश कर पाएंगे. इससे उन्‍हें हर माह 10000 रुपए पेंशन मिलने का रास्‍ता साफ हो गया है. यही नहीं इस योजना का सदस्‍य बनने की अंतिम तारीख भी 4 मई 2018 से बढ़ाकर 31 मार्च 2020 कर दी गई है, यानि अब वरिष्‍ठ नागरिक इस बढ़ी हुई तारीख तक इसके सदस्‍य बन पाएंगे. पहले इस योजना में निवेश सीमा 7.5 लाख रुपए ही थी. यह फैसला केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद लिया गया है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी पुष्टि की है. उनक मुताबिक निवेश सीमा प्रति परिवार 7.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने से वरिष्ठ नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा का कवर बढ़ जाएगा.

  1. पहले योजना में निवेश सीमा 7.5 लाख रुपए ही थी
  2. 2017 में शुरू हुई योजना, 3 लाख बने थे सदस्‍य
  3. वरिष्‍ठ पेंशन बीमा योजना में बने थे 2 लाख सदस्‍य

एलआईसी दे रही है 8 प्रतिशत रिटर्न
केंद्र ने यह कदम सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्‍य से उठाया है. प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY) भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) चला रही है. इसका उद्देश्‍य 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को सामाजिक सुरक्षा देना है. सरकार के मुताबिक मार्च 2018 तक कुल 2.23 लाख वरिष्‍ठ नागरिकों ने इस योजना को ग्रहण किया है. इससे पहले वरिष्‍ठ पेंशन बीमा योजना-2014 प्रभावी थी, जिसमें 3.11 लाख वरिष्‍ठ नागरिक पंजीकृत थे.

क्या है पीएमवीवीवाई
इस योजना के तहत सदस्यों को 10 साल तक 8 प्रतिशत सुनिश्चित रिटर्न के रूप में पेंशन मिलती है. वरिष्ठ नागरिक मासिक, तिमाही, छमाही या वार्षिक आधार पर पेंशन लेते है. यही नहीं रिटर्न 8% से कम आने पर सरकार उसकी भरपाई करती है.

कैसे ले प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की सदस्‍यता 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस पेंशन योजना की शुरुआत 2017 में की थी. इस उत्पाद को ऑफलाइन के साथ-साथ ऑनलाइन भी सबस्‍क्राइब किया जा सकता है. इस योजना को माल एवं सेवा कर (GST) से छूट दी गई है. पेंशन लेने के 3 साल बाद नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिये खरीद मूल्य का 75% तक कर्ज लिया जा सकता है. पेंशनभोगी की पॉलिसी अवधि के दौरान मौत होने की स्थिति में खरीद मूल्य लाभार्थियों को सौंपा जाएगा. इस दौरान लागत का भुगतान सरकार से सब्सिडी के रूप में एलआईसी को करेगी.

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