मां ने अपने ही बच्चे को 3 साल से घर में कर रखा था कैद, इलाज के दौरान तोड़ा दम
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मां ने अपने ही बच्चे को 3 साल से घर में कर रखा था कैद, इलाज के दौरान तोड़ा दम

दिल्ली में एक मासूम की कथित तौर पर कुपोषण से मौत हुई है. उसकी इस मौत के लिए कोई और नहीं बल्कि उसकी मां ही जिम्मेदार है. उसने उसे 3 साल से घर में कैद कर रखा था.

बच्चे की नानी के अनुसार, उसकी मां उसे घर से बाहर भी नहीं निकलने देती थी. फोटो जी न्यूज

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक मासूम की कथित तौर पर कुपोषण से मौत हुई है. उसकी इस मौत के लिए कोई और नहीं बल्कि उसकी मां ही जिम्मेदार है. उसने उसे 3 साल से घर में कैद कर रखा था. इस बच्चे को पिछले हफ्ते ही गम्भीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. कहा जा रहा है कि बच्चे की मां की मानसिक हालात ठीक नहीं है. बच्चे की हालत देखकर साफ लग रहा है कि वह कुपोषण का शिकार है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद उसकी मौत की वजह साफ होगी.

पुलिस के अनुसार, दिल्ली के त्रिनगर इलाके में एक मां अपने बच्चे मयंक के साथ पिछले कई सालों से रह रही थी. मयंक के पिता उनके साथ नहीं रहते थे. मयंक की नानी रुक्मणी ने बताया की 12 अक्टूबर को बेटी नीता ने अपने बच्चे को घर से बाहर निकाल दिया. गली के कुत्ते उस पर भोकने लगे. उस बीच मयंक की हालत बहुत खराब थी. नानी ने बताया कि उसकी बेटी ने अपने बेटे मयंक को करीब 3 सालों से घर में रखा हुआ था. उसे कभी बाहर नहीं निकलने देती थी. वह उसके साथ मार-पिटाई करती थी और अगर मैं उसे रोकने की कोशिश करती तो मुझे भी पीटती थी.

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वहीं इस बच्चे की मां नीता ने बताया की उसका पति पिछले कई सालों से किसी दूसरी महिला के साथ रहता है. उसका घर पर आना जाना नहीं है. मयंक खुद ही घर से बाहर नहीं निकलता था. उसे स्कूल में एडमिशन दिलवाया तो वहां भी नहीं जाता था. उसे पिछले डेढ़ महीने से उसे लूजमोशन हो रहे थे और कुछ खा भी नही रहा था. हर वक्त कमरे में ही रहता था. उसे 12 अक्टूबर को घर की सफाई के लिए बाहर बिठाया तो पड़ोसियो ने पुलिस को फोन कर दिया. मैं खुद ही अपनी जिंदगी से परेशान हूं. मैं सुसाइड कर लूंगी'. नीता की हालत देखकर ऐसा लगता है कि उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं है.

पड़ोस में रहने वाले लोगों ने बताया की पिछले कई सालों से मयंक को हमने नहीं देखा. करीब तीन साल पहले जरूर बालकॉनी में खेलते हुए देखा था. लेकिन बाद से कभी नहीं देखा. मयंक की हालत देखकर ऐसा लगता है जैसे कई दिनों से उसने कुछ न खाया था. केशवपुरम पुलिस स्टेशन का कहना है की बच्चे की मां डिप्रेशन में लग रही है. बच्चा खुद ही बाहर नहीं निकलता था. कई दिनों से उसकी तबियत ज्यादा खराब थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा कि  मयंक की मौत कैसे हुई है.

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