पंजाब बना देश का पहला मोबाइल ऐप के जरिए मुफ्त में पौधे देने वाला राज्य
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पंजाब बना देश का पहला मोबाइल ऐप के जरिए मुफ्त में पौधे देने वाला राज्य

पंजाब के वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने रविवार को कहा कि पंजाब देश में मोबाइल ऐप आई-हरियाली के जरिए मुफ्त में पौधे आपूर्ति शुरू करने वाला पहला राज्य है.

पंजाब के वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत.(फोटो-आईएएनएस)

चंडीगढ़: पंजाब के वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने रविवार को कहा कि पंजाब देश में मोबाइल ऐप आई-हरियाली के जरिए मुफ्त में पौधे आपूर्ति शुरू करने वाला पहला राज्य है. पंजाब ने इस प्रयास के जरिए अब तक 13 लाख पौधे लोगों को मुहैया कराए हैं. उन्होंने कहा कि इस एप से 325,000 ऑनलाइन आर्डर प्राप्त हुए हैं. इसे तीन लाख से ज्यादा लोगों ने स्मार्टफोन पर डाउनलोड किया है. मंत्री ने कहा कि कुल 32 लाख पौधों की घर-घर हरियाली अभियान व ऐप के जरिए आपूर्ति की गई है. धर्मसोत ने लोगों से पौधरोपण करने व खास मौकों पर जैसे जन्मदिन पर पौधे बांटने का आग्रह किया है.

भारत के 2017 के वन सर्वेक्षण के अनुसार, पंजाब में 35,853 एकड़ और भूमि को हरित क्षेत्र में लाया गया है. 

कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए दूसरी हरित क्रांति की जरुरत: नीति आयोग
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तुलनात्मक रूप से कृषि क्षेत्र के कम योगदान को लेकर चिंता जतायी और दूसरी हरित क्रांति लाने के लिये इस क्षेत्र में सुधार का आह्वान किया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार पनगढ़िया कृषि विकास पर कार्यबल की बैठक की अध्यक्षता के लिये गांधीनगर में थे. इन कार्यबलों का गठन मध्य एवं पश्चिमी क्षेत्र के राज्यों ने किया है. उन्होंने कहा कि हालांकि देश की 49 प्रतिशत आबादी कृषि से संबद्ध है, लेकिन उनका कुल जीडीपी में योगदान 15 प्रतिशत ही है.

विज्ञप्ति में उनके हवाले से कहा गया है, 'यह समय कृषि क्षेत्र को महत्व देने का है. दूसरी हरित क्रांति के लिये हमें क्षेत्र के विभिन्न भागों जैसे भूमि, कृषि, बीज आदि में सुधार लाना होगा।’ बैठक में गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, केंद्र शासित दादरा एवं नागर हवेली तथा दमन एवं दीव के ऐसे कार्यबल के प्रमुख शामिल हुए. 

वैज्ञानिकों ने विकसित किया इलेक्ट्रॉनिक पौधा, विज्ञान के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत
वैज्ञानिकों ने पौधे के संवहन तंत्र में सर्किट लगाकर एक इलेक्ट्रॉनिक पौधे का निर्माण किया है. इससे विज्ञान के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत हो सकती है. स्वीडन के लिकोंपिंग यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के दल ने पौधों के अंदर लगाए गए तारों, डिजिटल लॉजिक और प्रदर्शनकारी तत्वों को दिखाया गया है, जो आर्गेनिक इलेक्ट्रॉनिक्स के नए अनुप्रयोगों और वनस्पति विज्ञान में नए उपकरण विकसित करने में मददगार हो सकते हैं.

उमीआ प्लांट साइंस सेंटर के निदेशक और प्लांट रिप्रोडक्शन बायलॉजी के प्रोफेसर ओव निल्सन ने कहा, इससे पहले वैज्ञानिकों के पास जीवित पौधे में विभिन्न अणुओं के सकेंद्रण को मापने के लिए कोई अच्छा उपकरण नहीं था, लेकिन इस शोध के बाद हम पौधों का विकास करने वाले उन विभिन्न पदार्थो की मात्रा को प्रभावित करने में सक्षम हैं.

शोधकर्ताओं ने कहा, पौधों में रासायनिक मार्गो पर नियंत्रण से प्रकाश संश्लेषण आधारित ईंधन सेल, सेंसर्स (ज्ञानेंद्रियों) और वृद्धि नियामकों के लिए रास्ता खुल सकता है. इसके साथ ही ऐसे उपकरण भी तैयार किए जा सकते हैं, जो पौधों की आंतरिक क्रियाओं को व्यवस्थित कर सकें. उन्होंने कहा, यह सफलता वनस्पति विज्ञान और ऑर्गेनिक साइंस के विविध क्षेत्रों के विलय की ओर पहला कदम है. हमारा उद्देश्य उर्जा की मदद से पर्यावरण और वनस्पति विज्ञान के नए रास्तों को खोजना है. यह अध्ययन साइंस एडवांसेज नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. 

इनपुट आईएएनएस से भी 

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