रामजस कॉलेज में एबीवीपी-आइसा के कार्यकर्ताओं में झड़प, कई जख्मी
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रामजस कॉलेज में एबीवीपी-आइसा के कार्यकर्ताओं में झड़प, कई जख्मी

दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में बुधवार को भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के बीच झड़प हो गई। 

रामजस कॉलेज में एबीवीपी-आइसा के कार्यकर्ताओं में झड़प, कई जख्मी

नई दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में बुधवार को भाजपा की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और वामपंथी छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के बीच झड़प हो गई। 

जेएनयू के छात्र उमर खालिद और शहला राशिद को एक सेमिनार के लिए भेजा गया आमंत्रण रद्द किए जाने पर एबीवीपी और आइसा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। इस झड़प में कई छात्र, शिक्षक और पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।’ एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कुछ छात्रों को कथित तौर पर करीब चार-पांच घंटे तक परिसर में बंद करके रखा।

पुलिसकर्मियों ने दावा किया कि मौरिस नगर पुलिस थाने के एसएचओ सहित कुछ पुलिसकर्मियों से भी प्रदर्शन के दौरान बदसलूकी की गई। कुछ पत्रकारों ने भी आरोप लगाया कि झड़प के दौरान पुलिसकर्मियों ने उन पर हमला किया। यह झड़प उस वक्त शुरू हुई जब कुछ छात्रों और शिक्षकों ने मंगलवार को सेमिनार को बाधित करने और कथित गुंडागर्दी करने वाले एबीवीपी कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई की मांग के साथ मार्च निकालने की कोशिश की।

एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने कल रामजस कॉलेज का सेमिनार कक्ष बंद करा दिया था और जेएनयू के छात्रों को देश विरोधी करार देकर उन्हें सेमिनार को संबोधित करने के लिए भेजे गए आमंत्रण के विरोध में पत्थरबाजी की थी। कॉलेज के अधिकारियों ने उमर और शहला को भेजा गया आमंत्रण रद्द करने का फैसला किया था, जिसके बाद कुछ छात्रों और शिक्षकों ने मौरिस नगर पुलिस थाने तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी। वे कथित गुंडागर्दी करने वाले एबीवीपी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

बहरहाल, एबीवीपी सदस्यों ने मार्च को आगे नहीं बढ़ने दिया और छात्रों एवं शिक्षकों को कथित तौर पर रामजस कॉलेज के भीतर बंद कर दिया जबकि आइसा कार्यकर्ताओं ने ‘बंधक बनाए गए लोगों को छुड़ाने के लिए’ कॉलेज परिसर में दाखिल होने की कोशिश की।

दिल्ली यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ (डूटा) की सदस्य आभा देव ने दावा किया कि कई छात्रों के अलावा डीयू के अलग-अलग कॉलेजों के तीन शिक्षक - प्रशांत चक्रवर्ती (अंग्रेजी), सुव्रिता (इतिहास) और मौसमी बोस (दर्शनशास्त्र) - झड़प में जख्मी हो गए और उन्हें हिंदू राव अस्पताल ले जाया गया। 

जेएनयू छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला ने आरोप लगाया, ‘एबीवीपी ने न सिर्फ सेमिनार को पूरी तरह बाधित कर दिया, बल्कि वे महिलाओं और यहां तक कि पत्रकारों से भी गाली-गलौच कर रहे हैं और उनकी पिटाई कर रहे हैं। पुलिस को ऐसी गुंडागर्दी दिखाई क्यों नहीं देती? परिसर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं लेकिन अब तक एबीवीपी के किसी भी सदस्य को गिरफ्तार नहीं किया गया है।’ 
शहला ने आरोप लगाया कि ‘पुलिसकर्मियों ने एबीवीपी के गुंडों के साथ मिलकर मेरी पिटाई की।’ देर शाम आइसा के सदस्यों और शिक्षकों ने मौरिस नगर पुलिस थाने के बाहर इकट्ठा होकर एबीवीपी सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।

कॉलेज के प्रधानाचार्य राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि वह कार्यक्रम का आयोजन करने वाले शिक्षकों से बात कर रहे हैं और दोनों समूहों से अनुरोध किया गया है कि वे कॉलेज में शांति एवं सद्भाव नहीं बिगड़ने दें। प्रसाद ने दावा किया था कि कॉलेज अभिव्यक्ति की आजादी की वकालत करता है, लेकिन हालात को देखते हुए आमंत्रण रद्द करने का फैसला किया गया।

रामजस कॉलेज की साहित्य सोसाइटी ‘वर्डक्राफ्ट’ की ओर से ‘प्रदर्शन की संस्कृति’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार के दौरान एक सत्र में शिरकत करने के लिए जेएनयू के दोनों छात्रों को आमंत्रित किया गया था। उमर पर पिछले साल राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया था जबकि शहला राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किए गए जेएनयू के छात्रों की रिहाई की मांग के लिए चलाए गए आंदोलन का चेहरा थीं।

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