जाने-माने नेताओं, लेखकों और छात्रों ने आज जेएनयू में लापता छात्र नजीब अहमद के लिये आयोजित ‘प्रतिरोध बैठक’ में हिस्सा लिया.
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नई दिल्ली: जाने-माने नेताओं, लेखकों और छात्रों ने शुक्रवार को जेएनयू में लापता छात्र नजीब अहमद के लिये आयोजित ‘प्रतिरोध बैठक’ में हिस्सा लिया. नजीब परिसर के भीतर छात्रों के एक समूह के साथ झगड़े के बाद पिछले एक साल से अधिक समय से लापता है. जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में लेखक शुद्धब्रत सेनगुप्ता ने छात्रों से अपील की कि वे सभी रूप में प्रतिरोध करें और इसे तब तक जारी रखें जब तक कि नजीब मिल नहीं जाता.
सेनगुप्ता ने कहा, ‘‘विभिन्न रूपों में प्रतिरोध जारी रखने की आवश्यकता है.’’ छात्रों के लापता होने के अन्य मामलों का हवाला देते हुए सेनगुप्ता ने कर्तव्य निर्वहन में कथित तौर पर लापरवाही के लिये जेएनयू के कुलपति एम जगदीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया.
नजीब की मां को हिरासत में लिया गया
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की मां और 30 अन्य को दिल्ली पुलिस ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान हिरासत में ले लिया गया था. पुलिस सूत्रों ने बताया कि नजीब की मां फातिमा नफीस और जेएनयू के छात्र उच्च न्यायालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे और परिसर के भीतर घुसने की कोशिश के दौरान उन्हें हिरासत में ले लिया गया था. बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.
कोर्ट ने लगाई फटकार
जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद के मामले में ‘‘दिलचस्पी के पूर्ण अभाव’’ और किसी नतीजे पर नहीं पहुंचने को लेकर सीबीआई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने डांट लगाई. न्यायमूर्ति जी. एस. सिस्तानी और न्यायमूर्ति चन्द्रशेखर की पीठ ने दलीलों के दौरान कहा कि सीबीआई द्वारा मौखिक रूप से दी गयी जानकारी और सौंपी गयी स्थिति रिपोर्ट में विरोधाभास से वह ‘‘बहुत नाखुश’’ हैं.
(इनपुट एजेंसी से भी)