यशपाल मलिक ने कहा कि 16 अगस्त से जाट आरक्षण आंदोलन का चौथा चरण शुरू किया जाएगा। जब तक जाटों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
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जींद: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने सोमवार को कहा कि या तो जाटों को आरक्षण मिलेगा, या फिर भाजपा 40 साल के लिए सत्ता से दूर होगी. उन्होंने कहा कि 16 अगस्त से जाट आरक्षण आंदोलन का चौथा चरण शुरू किया जाएगा. जब तक जाटों को आरक्षण नहीं मिल जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. भाजपा सरकार को जाट समाज दूसरी बिरादरियों के लोगों के साथ मिलकर आरक्षण देने पर मजबूर कर देगा.
यशपाल मलिक सोमवार को नई अनाजमंडी में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा आयोजित भाईचारा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि फरवरी 2016 में हुआ जाट आरक्षण आंदोलन उनके नेतृत्व में नहीं लड़ा गया लेकिन इस आंदोलन समाप्त करवाने में उनकी सरकार के साथ बातचीत जरुर हुई थी.
उन्होंने कहा, 'इस आंदोलन में हुई हिंसा से उनका कोई लेना देना नहीं है. इस आंदोलन को भड़काने में भाजपा सांसद राजकुमार सैनी, अश्विनी चौपड़ा, मनीष ग्रोवर, ओमप्रकाश धनखड़, सुभाष बराला का हाथ रहा. इसके बाद मार्च में प्रदेशभर में हुए धरनों का नेतृत्व उन्होंने किया, इस दौरान पूरे प्रदेश में कोई हिंसा नहीं हुआ.'
'मेरा आंदोलन हमेशा शांतिप्रिय रहा है'
मलिक ने कहा कि उनका आंदोलन हमेशा शांतिप्रिय रहा है, इसमें हिंसा का कोई काम नहीं है लेकिन उन पर भाईचारा खराब करने के जो लोग आरोप लगा रहे हैं, वे खुद भाईचारा खराब कर रहे हैं. 2016 में हुए आंदोलन के बाद भाईचारे को एक करने के लिए उन्होंने कार्यकर्ता सम्मेलन, भाईचारा सम्मेलन किए लेकिन बीजेपी सरकार भाईचारा खराब करने पर तुली हुई है.
मलिक ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि प्रदेश में फिर से हिंसा हो लेकिन अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति सरकार को उसके मनसूबे में कभी कामयाब नहीं होने देगी. मलिक ने कहा कि 12 अगस्त को रोहतक के जसिया में प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन किया जाएगा. इसमें 16 अगस्त से चलाए जाने वाले आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी.
यशपाल मलिक ने कहा कि पिछले चार साल तक हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को किसी भी खाप की याद नहीं आई लेकिन जब जाट समाज उनके विरोध में आने लगा तो अब कैप्टन को खापों की याद आने लग गई. मलिक ने कहा कि पूरे हरियाणा का जाट समाज व सभी खापें एक हैं. अब जब कैप्टन की जमीन खिसकने लगी है तो उसे खापों की याद आने लग गई है लेकिन खाप भी तो समाज के लोगों से ही बनी हैं. समाज के लोग कैप्टन अभिमन्यु को कभी माफ नहीं करेंगे. आने वाले चुनाव में उसको अपनी औकात का पता चल जाएगा.
(इनपुट - भाषा)