Delhi Crime: कौन है महिलाओं के साथ गंदा खेल खेलने वाला बाबा विनोद, ऐसी है क्राइम कुंडली
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Delhi Crime: कौन है महिलाओं के साथ गंदा खेल खेलने वाला बाबा विनोद, ऐसी है क्राइम कुंडली

Delhi Rape Case: यौन उत्पीड़न के दोनों ही मामलों में विनोद पर आरोप है कि उसने समस्या में मदद के बहाने महिला भक्त को बुलाया और कहा कि गुरु सेवा करनी होगी. इसके बाद उसने महिला का यौन उत्पीड़न किया और शिकायतकर्ता को घटना का खुलासा न करने की धमकी दी थी. 

Delhi Crime: कौन है महिलाओं के साथ गंदा खेल खेलने वाला बाबा विनोद, ऐसी है क्राइम कुंडली

Delhi Police: दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न की दो शिकायतों के आधार पर  विनोद कश्यप नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. विनोद पर दिल्ली के ककरोला क्षेत्र में माता मसानी चौकी दरबार नाम से अड्डा चलाने का भी आरोप है. वह एक यूट्यूब चैनल भी चलाता है, जिसके बड़ी संख्या में फॉलोअर्स हैं. 

यौन उत्पीड़न के दोनों ही मामलों में विनोद पर आरोप है कि उसने समस्या में मदद के बहाने महिला भक्त को बुलाया और कहा कि गुरु सेवा करनी होगी. इसके बाद उसने महिला का यौन उत्पीड़न किया और शिकायतकर्ता को घटना का खुलासा न करने की धमकी दी थी. 

विनोद के खिलाफ मामला दर्ज

इस बारे में पीड़ित महिला की ओर से अलग-अलग दो शिकायत मिलने के बाद विनोद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. दिल्ली की द्वारका नॉर्थ थाना पुलिस ने आईपीसी की धारा 376 और 506 के तहत 2 मामले दर्ज करके आरोपी विनोद कश्यप को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले में द्वारका पुलिस आगे की जांच में जुटी है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पहले आरोपी विनोद अस्पताल में काम किया करता था. वहां उसने 3-4 वर्ष तक काम किया. यहां उसको 25 हजार रुपये तनख्वाह मिलती थी. इसके बाद वहां से उसने नौकरी छोड़ दी और आश्रम खोलने का फैसला किया. जानकारी के मुताबिक, विनोद कश्यप माता मशानी चौकी का दरबार लगाने लगा. वह दावा करता है कि उसको भगवान का आशीर्वाद मिला हुआ है, जिससे वह लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को ठीक करता है. खुद को बाबा बताने वाले  विनोद कश्यप के पास वक्त के साथ लोगों की संख्या बढ़ने लगी और हर हफ्ते उसके पास करीब 400 लोग आशीर्वाद लेने पहुंचने लगे. 

कमरे में बैठ देता था आशीर्वाद

विनोद कश्यप एक 900 स्क्वेयर फीट के कमरे में बैठकर भक्तों को आशीर्वाद दिया करता था. उसके चारों ओर भक्त बैठते थे. दरवाजे पर एक शख्स बैठता था, जो भक्तों को अंदर भेजता था. उसका दरबार शनिवार और मंगलवार को लगता था, वह भी 5-6 घंटे के लिए.

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