‘अगले साल यूनेस्को के विरासत टैग की दौड़ में शामिल हो सकती है दिल्ली’
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‘अगले साल यूनेस्को के विरासत टैग की दौड़ में शामिल हो सकती है दिल्ली’

यूनेस्को द्वारा दिए जाने वाले वर्ल्ड हेरीटेज सिटी (वैश्विक विरासत शहर) के दर्जे के लिए दिल्ली इस साल होड़ नहीं कर रही लेकिन संरक्षकों का मानना है कि इस ऐतिहासिक शहर के लिए ‘सबकुछ खत्म नहीं हुआ है’ और यह अगले साल इस वैश्विक दौड़ में शामिल हो सकती है क्योंकि आप सरकार इस दर्जे की दिशा में जोर लगा रही है।

‘अगले साल यूनेस्को के विरासत टैग की दौड़ में शामिल हो सकती है दिल्ली’

नई दिल्ली : यूनेस्को द्वारा दिए जाने वाले वर्ल्ड हेरीटेज सिटी (वैश्विक विरासत शहर) के दर्जे के लिए दिल्ली इस साल होड़ नहीं कर रही लेकिन संरक्षकों का मानना है कि इस ऐतिहासिक शहर के लिए ‘सबकुछ खत्म नहीं हुआ है’ और यह अगले साल इस वैश्विक दौड़ में शामिल हो सकती है क्योंकि आप सरकार इस दर्जे की दिशा में जोर लगा रही है।

कुछ माह पहले केंद्र ने यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज सिटी के लिए दिल्ली का नामांकन वापस लेने का फैसला करते हुए कहा था कि यदि यह प्रतिष्ठित तमगा दिल्ली को मिल जाता है तो राष्ट्रीय राजधानी में अवसंरचना संबंधी कार्यों को करने पर ‘बहुत से प्रतिबंध’ लगा दिए जाएंगे।

जर्मनी के बॉन में वर्ल्ड हेरीटेज कमेटी के चालू सत्र में फिलहाल विश्व भर से आए 38 नामांकनों का आकलन किया जा रहा है। ये नामांकन इस वैश्विक संस्था की विरासत सूची में शामिल होने के लिए आए हैं।

इनटैक (आईएनटीएसीएच) के दिल्ली चैप्टर के संयोजक ए जी के मेनन ने बताया, ‘दिल्ली इस साल भले ही इस दौड़ में न हो लेकिन हमें अभी भी यकीन है कि दिल्ली ने यह बाजी पूरी तरह से खोई नहीं है। तकनीकी तौर पर देखा जाए, तो नामांकन ‘वापस’ नहीं लिया गया है, यह एक ‘स्थगन’ है। इसलिए अगले साल, हम दोबारा इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि केंद्र इसपर कितना सक्रिय होगा।’

मेनन ने पिछले साल जनवरी में केंद्र द्वारा भेजे गए नामांकन के डोजियर को तैयार करने में आईएनटीएसीएच के दिल्ली चैप्टर के दल का नेतृत्व किया था। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने यूनेस्को को शुरूआती नामांकन वर्ष 2012 में भेजा था। उन्होंने कहा, ‘एक एनजीओ के रूप में, हम :आईएनटीएसीएच: इस मामले को अभी भी आगे बढ़ाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं। हम इसमें यकीन रखते हैं और हमें मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार भी इस मामले को केंद्र के समक्ष उठा रही है। हम कुछ दिन पहले प्रमुख सचिव से मिले थे। हालांकि हमें उनकी ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, लेकिन हमें ‘ना’ भी सुनने को नहीं मिला। इसलिए हम भी सकारात्मक हैं।’

शहर को विरासत स्थल का दर्जा मिले, इसके लिए अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप सरकार बेहद उत्सुक है। तीन जून को दिल्ली सचिवालय में एक बैठक के दौरान केजरीवाल ने दिल्ली का नाम इस प्रतिष्ठित दर्जे की दौड़ से बाहर निकाल लेने के मोदी सरकार के फैसले पर हैरानी जताई थी।

उन्होंने प्रमुख सचिव को निर्देश भी दिए थे कि वह विदेश मामलों और संस्कृति मामलों के मंत्रियों से संपर्क करके आगे का रास्ता जानें। प्रमुख सचिव ने कथित तौर पर केंद्र को पत्र लिखकर उन्हें इस फैसले पर ‘दोबारा गौर करने’ के लिए कहा था।

मेनन ने दावा किया, ‘सभी बातें हमारे पक्ष में हैं। एकमात्र अवरोधक अब केंद्र है।’ वर्ल्ड हेरीटेज कमेटी के 39वें सत्र की शुरूआत 28 जून को हुई और इसका अंत आठ जुलाई को होगा। इसके बाद नतीजों की घोषणा की जाएगी।

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