केंद्र सरकार ने SC से कहा- सिमकार्ड लेने के लिए आधार को जोड़ना एक अंतरिम उपाय
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केंद्र सरकार ने SC से कहा- सिमकार्ड लेने के लिए आधार को जोड़ना एक अंतरिम उपाय

अटॉर्नी जनरल ने सरकार के आदेश के पृष्ठ-दो का संदर्भ दिया, जिसमें कहा गया है कि फैसला आने के वक्त तक आधार को जोड़ना अंतरिम उपाय रहेगा.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:  केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि सिमकार्ड लेने के लिए एकमात्र पहचान सबूत के तौर पर आधार को जोड़ना एक अंतरिम उपाय था. यह तब तक जारी रहेगा, जब तक आधार अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत का फैसला नहीं आ जाता.  अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक पीठ के समक्ष प्रतिक्रिया दे रहे थे. उनसे आधार को सिमकार्ड लेने के लिए एकमात्र पहचान सबूत के तौर पर प्रयोग नहीं करने की रिपोर्ट के बारे में पूछा गया था. 

वेणुगोपाल ने पीठ को बताया कि अदालत के पहले आदेश के अनुसार, आधार के अलावा अन्य पहचान प्रमाणों को अंतरिम व्यवस्था के रूप में शामिल किया गया है और फैसला आने तक ऐसे ही जारी रहेगा. अटॉर्नी जनरल ने सरकार के आदेश के पृष्ठ-दो का संदर्भ दिया, जिसमें कहा गया है कि फैसला आने के वक्त तक आधार को जोड़ना अंतरिम उपाय रहेगा.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (2 मई) को कहा कि वह सरकार की इस दलील से सहमत नहीं है कि आधार कानून को लोकसभा अध्यक्ष ने धन विधेयक बताने का सही निर्णय किया क्योंकि ‘ यह सब्सिडी के लक्षित वितरण ’ से जुड़ा है जिसके लिए धन भारत की संचित निधि से आता है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा , न्यायमूर्ति ए के सीकरी , न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर , न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की संविधान पीठ ने आधार अधिनियम की धारा 57 का उल्लेख किया जो कहती है ‘‘ राज्य या कोई निगम या व्यक्ति ’’ आधार संख्या का इस्तेमाल ‘‘ किसी भी उद्देश्य के लिये किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने में कर सकता है.’’ 

पीठ ने कहा, ‘समस्या आधार अधिनियम की धारा 57 के संबंध में पैदा होती है. धारा 57 का संबंध धारा सात और सब्सिडी , लाभ और सेवाओं के लक्षित वितरण से टूट जाता है.’  पीठ ने कहा कि ‘किसी निगम या व्यक्ति’ को आधार का इस्तेमाल किसी भी उद्देश्य के लिए किसी व्यक्ति की पहचान स्थापित करने की अनुमति देना भारत की संचित निधि से संबंध को खत्म कर देता है. पीठ ने संकेत दिया कि आधार कानून को धन विधेयक नहीं कहा जा सकता है. पीठ ने यह टिप्पणी तब की जब अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम समेत वकीलों की दलीलों का जवाब दे रहे थे.

(इनपुट - IANS)

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