जम्मू कश्मीर में पैलेट गन बैन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा-पत्थरबाजी के बीच कैसे हो बातचीत
Advertisement
trendingNow1325626

जम्मू कश्मीर में पैलेट गन बैन की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा-पत्थरबाजी के बीच कैसे हो बातचीत

कश्मीर घाटी में सेना एवं सुरक्षा बलों द्वारा उग्र भीड़ पर पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. न्यायालय ने कहा है कि अगर कश्मीर में लोग और उनके प्रतिनिधि शांति कायम करने की पहल करते हैं, तो वह इस मामले में आगे की बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देगा.

 जम्मू कश्मीर में पैलेट गन बैन की मांग: SC ने पूछा-पत्थरबाजी के बीच कैसे हो बातचीत

नई दिल्ली: कश्मीर घाटी में सेना एवं सुरक्षा बलों द्वारा उग्र भीड़ पर पैलेट गन के इस्तेमाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है. न्यायालय ने कहा है कि अगर कश्मीर में लोग और उनके प्रतिनिधि शांति कायम करने की पहल करते हैं, तो वह इस मामले में आगे की बातचीत करने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देगा.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता को कहा कि हम केंद्र सरकार को पैलेट गन का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने के लिए कहने के लिए तैयार हैं, लेकिन क्या आप यह भरोसा दिलवाइए कि आगे से कश्मीर में पत्थरबाजी नहीं होगी.

'सड़कें बंद हैं और पत्थरबाजी हो रही है, तो इस मुद्दे पर चर्चा कैसे कर सकते हैं'

कोर्ट ने याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से कहा कि अगर पत्थरबाजों की ओर से इस मुद्दे पर कोई सकारात्मक जवाब आता है, तब वह इस मुद्दे पर आगे फैसला लेगी. मुख्य न्यायधीश ने कहा कि जब वहां सड़कें बंद हैं और पत्थरबाजी हो रही है, तो इस मुद्दे पर हम चर्चा कैसे कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 9 मई को करेगा.

और पढ़ें:फारुक अब्दुल्ला का विवादित बयान- 'जम्मू-कश्मीर के युवा अपने हक के लिए लड़ रहे हैं'

वहीं केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि हमारा इरादा लोगों को मारने का नहीं है लेकिन सवाल यह है कि सुरक्षा बलों से क्या उम्मीद की जानी चाहिए जब नकाबपोश प्रदर्शनकारी चारों ओर से हमला करने लगे.

 उपचुनाव के दौरान करीब 100 सुरक्षाकर्मी घायल हुए

उन्होंने आगे कहा कि हम पैलेट गन का इस्तेमाल तब करते हैं जब हिंसक भीड़ बिल्कुल नजदीक आ जाती है और वहां से जाने का नाम नहीं लेती है. हमारे सशस्त्र बल शरारती नहीं हैं लेकिन वहां कि स्थिति चिंताजनक है. उन्होंने यह भी बताया कि रविवार को हुए उपचुनाव के दौरान करीब 100 सुरक्षाकर्मी घायल हुए.

ये भी पढ़ें:सेना प्रमुख बिपिन रावत की सख्‍त चेतावनी- आतंकियों की मदद करने वाले भी हैं 'आतंकी', ऐसे लोगों की अब खैर नहीं

आपको बता दें कि इससे पहले की सुनवाई में केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा था कि वो उग्र प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए जल्द ही एक सीक्रेट वेपन का इस्तेमाल शुरू करने वाली है. इसे पैलेट गन के पहले इस्तेमाल में लाया जाएगा. केंद्र सरकार के मुताबिक बदबूदार पानी, लेज़र डेज़लर और तेज़ आवाज़ करने वाली मशीनों का भी प्रदर्शनकारियों पर कोई असर नहीं होता है. इसलिए मजबूरी में आखिरी विकल्प के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल किया जाता है.

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन से सुझाव मांगे थे. कोर्ट ने पूछा था कि पैलेट गन के अलावा क्या ऑप्शन हो सकता है? याचिकाकर्ता को ये भी बताना था कि आखिर हालात बेहतर बनाने के लिए क्या कुछ किया जा सकता है. आपको बता दें कि घाटी में लगातार पत्थरबाजी की घटनाएं होती रहती हैं. पत्थरबाजी में कई दफा जवानों के घायल होने की भी खबर आती है. 

 

Trending news