भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहैल महमूद ने कहा कि उनका देश राजनयिकों के कथित उत्पीड़न का मुद्दा यथाशीघ्र सुलझाना चाहता है.
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नई दिल्ली: भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सोहैल महमूद ने शुक्रवार (23 मार्च) को कहा कि उनका देश राजनयिकों के कथित उत्पीड़न का मुद्दा यथाशीघ्र सुलझाना चाहता है. उन्होंने कहा कि उनका देश भारत के साथ ‘‘शांतिपूर्ण और अच्छे पड़ोसी’’ का संबंध चाहता है. महमूद 22 मार्च की रात भारत लौटे थे. एक सप्ताह पहले भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिकों के उत्पीड़न को लेकर बढ़ते विवाद के दरम्यान सलाह-मशविरा के लिये उन्हें इस्लामाबाद बुला लिया गया था. उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे दोनों देशों के बीच संबंध को प्रभावित करते हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम से इतर पाकिस्तानी उच्चायुक्त ने कहा, ‘‘मैंने इस मुद्दे (भारत में पाकिस्तानी राजनयिकों के कथित उत्पीड़न) पर हमारी सरकार से चर्चा की. हम इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाना चाहते हैं क्योंकि यह दोनों देशों के बीच संबंध को प्रभावित करता है.’’ उन्होंने शाम को दूतावास में एक भोज की मेजबानी की जिसमें केंद्रीय कृषि एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत मौजूद थे. भोज में कई राजनयिक और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां शामिल हुईं.
कश्मीर के अलगाववादी नेता भी समारोह में हुए शामिल
कश्मीर के कई अलगाववादी संगठनों के निचले स्तर के कुछ नेताओं ने भी शिरकत की. महमूद को नई दिल्ली में उसके राजनयिक कर्मचारियों के कथित उत्पीड़न की घटनाओं के बाद सलाह-मशविरा के लिए पाकिस्तान बुला लिया गया था. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने दावा किया था कि भारत सरकार पाकिस्तानी राजनयिकों, उनके परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों को खुफिया एजेंसियों द्वारा डराए-धमकाए जाने का संज्ञान लेने में विफल रही.
राजनयिकों के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान में तनाव
भारत और पाकिस्तान ने एक-दूसरे पर इस्लामाबाद और नयी दिल्ली में राजनयिकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महमूद ने कहा, ‘‘पाकिस्तान संप्रभु समानता और पारस्परिक सम्मान के आधार पर भारत के साथ शांतिपूर्ण और अच्छे पड़ोसी का संबंध चाहता है. यह जम्मू कश्मीर मुद्दा समेत सभी लंबित मुद्दों का बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के लिये महत्वपूर्ण है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि शांति दोनों देशों के पारस्परिक हित में है और इसे कूटनीति और बातचीत के जरिये ही हासिल किया जा सकता है.