China के सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ मणिपुर हिंसा को लेकर काफी भडकाऊ बातें लिखी जा रही है. ज़ी मीडिया के पास मौजूद एक्सक्लुसिव डॉक्यूमेंट से खुलासा हुआ है कि एक साजिश के तहत सैकड़ों की संख्या में मणिपुर हिंसा को लेकर भारतीय सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ भडकाऊ बातें लिखी जा रही है.
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Manipur Violence: मणिपुर में पिछले कुछ दिनों से फैली हिंसा में अब चीन की एंट्री हो गई है. चीन के सोशल मीडिया में भारत के खिलाफ मणिपुर हिंसा को लेकर काफी भडकाऊ बातें लिखी जा रही है. ज़ी मीडिया के पास मौजूद एक्सक्लुसिव डॉक्यूमेंट से खुलासा हुआ है कि एक साजिश के तहत सैकड़ों की संख्या में मणिपुर हिंसा को लेकर भारतीय सेना और सुरक्षाबलों के खिलाफ भडकाऊ बातें लिखी जा रही है.
चीन के सोशल मीडिया Weibo पर लगातार मणिपुर हिंसा को लेकर वीडियो शेयर किए जा रहे हैं. इनमें से कई ऐसे भी वीडियो है जिनका मणिपुर हिंसा से कोई लेना देना भी नहीं है. चीनी सोशल मीडिया एकाउंट पर भारतीय सुरक्षाबलों और सेना पर मानव अधिकार हनन के भी आरोप लगाए जा रहे हैं.
Weibo पर एक यूजर की तरफ से लिखा गया है कि मणिपुर के लोग भारतीय मिलीट्री पुलिस के खिलाफ आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं. चीन के कई यूज़र्स #Manipur is not India और #China stands with Manipur जैसे हैशटैग का इस्तेमाल कर भारत के खिलाफ साजिश को हवा दे रहे हैं.
खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक चीन से एक बड़ी साजिश के तहत मणिपुर को लेकर भारत के खिलाफ भडकाऊ बातें लिखी जा रही है. जानकारों के मुताबिक देश के पूर्वात्तर राज्यों में सक्रिय उग्रवादी गुटों के पास बड़ी संख्या में हथियारों की पहुँच हो रही है वो चिंता की बात है.
मणिपुर में भी उग्रवादी गुट इन्हीं हथियारों की मदद से हिंसा फैला रहे हैं. इन उग्रवादियों को भी चीन के ब्लैक मार्किट से बड़ी आसनी से हथियार मिल रहे हैं. उग्रवादियों के कई कमांडरों के बारे में ख़ुफ़िया जानकारी है कि वो चीन में छुपे हुए हैं. ऐसे में चीन की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
मणिपुर के हालात पर सेन पैनी नज़र बनाये हुए है. सेना और असम राइफल्स के साथ मिलकर लगातार ऑपरेशन कर रही है. सेना प्रमुख 27 मई और 28 मई को मणिपुर का दौरा भी कर चुके हैं हिंसा ग्रस्त इलाकों में शांति कायम करने और हालात सामान्य करने की कोशिश जारी है.
गृह मंत्री अमित शाह भी 29 मई से मणिपुर में है और वहां राज्य के मुख्यमंत्री और सुरक्षा बलों के अधिकारियों के साथ मिलकर स्थित सामान्य करने के प्रयास में लगे हुए हैं. देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में डोकलाम और फिर गलवान में भारतीय सेना से बुरी तरह से हारा चीन के लिए ये पचा पाना मुश्किल होता जा रहा है कि भारत अब 1962 का भारत नहीं है.
चीन की तरफ से होने वाली किसी भी घुसपैठ को नाकाम करने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से तैयार हो चुकी है साथ ही आधुनिक हथियारों की LAC के नजदीक तैनाती से चीन परेशान है और शायद यही वजह है कि अब भारत के खिलाफ मणिपुर हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर चीन से साजिश हो रही है.
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