यूपीः झोलाछाप डॉक्टर 10 रुपये में इलाज के नाम पर बांट रहा था HIV संक्रमण
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यूपीः झोलाछाप डॉक्टर 10 रुपये में इलाज के नाम पर बांट रहा था HIV संक्रमण

लोगों का आरोप है कि एक झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया गया था जो कि पिछले 10 साल से क्षेत्र के आसपास के लगभग 40 गांवों के लोगों का इलाज कर रहा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

उन्नाव (रूपम सिंह): यूपी के उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र में एक झोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र यादव पर आरोप है कि इस झोलाछाप ने एक ही सिरींज से इंजेक्शन लगाकर क्षेत्र के कई मासूम लोगों को HIV बांट दिया. जिले के सीएमओ डॉ.एस.पी.चौधरी ने बताया कि 17 जुलाई 2017 को उन्नाव के बांगरमऊ क्षेत्र के 12 व्यक्ति HIV पॉजिटिव पाए गए , उन लोगों द्वारा यह बताया गया कि उनके द्वारा एक झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया गया था जो कि पिछले 10 साल से क्षेत्र के आसपास के लगभग 40 गांवों के लोगों का इलाज कर रहा है. 

बांगरमऊ स्टेशन रोड पर यादव क्लीनिक नाम से इस झोलाछाप का क्लीनिक था. इस झोलाछाप डॉक्टर द्वारा एक ही सिरींज का प्रयोग कर इलाके के कई लोगों को HIV इंफेक्टेड कर दिया गया.

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76 मामले सामने आने पर डीएम ने मांगी रिपोर्ट
23 नवंबर 2017 को बांगरमऊ में एचआईवी के 13 और मामले सामने आए पुनः 24,25 और 27 जनवरी को HIV के 33 नए मामले सामने आए. वर्तमान में 76 लोग इसमें 6 बच्चे भी शामिल हैं HIV से पीड़ित बताये जा रहे हैं .
यह संख्या बढ़ भी सकती है.उन्नाव के डीएम एनजी रवि कुमार ने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और आपराधिक कृत्य के लिए विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. 7 माह पहले हुई शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं होने के कारण मामला शासन तक पहुंच गया है. 

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यूपी के स्वास्थ्य मंत्री ने मांगी रिपोर्ट
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने भी सीएमओ से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. सीएमओ के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री को इस मामले की रिपोर्ट दी जा चुकी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए बांगरमऊ मामले को विधानसभा में भी उठाया जा सकता है. मामले के मीडिया में तूल पकड़ने और स्वास्थ्य मंत्री द्वारा रिपोर्ट तलब किए जाने पर स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया और ताबड़तोड़ कार्यवाही करते हुए जिले के 73 झोलाछाप क्लीनिकों को सील किया है और प्रशासन ने भी झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी है. 

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सीएमएस का कहना है-झोलाछाप ही नहीं है कारण 
चीफ मेडिकल सुपरवाइजर का कहना है कि एचआईवी संक्रमण का कारण सिर्फ झोलाछाप डॉक्टर न होकर अन्य कारण भी हो सकते हैं .संक्रमित पाए गए लोगों को कानपुर के एआरटी सेंटर पर इलाज के लिए भेजा गया है .जहां नवंबर 2017 से जनवरी 2018 के बीच 69 मरीज रजिस्टर्ड किए गए .

सस्ते इलाज के लिए लोग जाते थे क्लिनिक पर 
गौरतलब है कि यह लोग उन्हीं तीन गांवों से संबंधित है जहां झोलाछाप डॉक्टर राजेंद्र ग्रामीणों का इलाज करता था.यह झोलाछाप डॉक्टर बांगरमऊ के स्टेशन रोड स्थित यादव क्लीनिक से लोगों का इलाज करता था इसकी फीस 10 रुपये होने के कारण लोगों की बहुत भीड़ रहती थी .आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है.

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