अलीगढ़ इस समय पुलिस छावनी में तब्दील है. अभी शहर में इंटरनेट पर पाबंदी है. शनिवार रात 12 बजे तक धारा 144 लगी हुई है. इस बीच इस मामले में एक मुस्लिम नेता ने नया बयान देकर इस विवाद को और आगे बढ़ा दिया है.
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नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है. एक तरह तरफ जहां विश्वविद्यालय से जिन्ना की तस्वीर हटाने की मांग करते हुए हिंदूवादी संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं. तो दूसरी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तस्वीर हटाने से साफ मना कर दिया है. अलीगढ़ इस समय पुलिस छावनी में तब्दील है. अभी शहर में इंटरनेट पर पाबंदी है. शनिवार रात 12 बजे तक धारा 144 लगी हुई है. इस बीच इस मामले में एक मुस्लिम नेता ने नया बयान देकर इस विवाद को और आगे बढ़ा दिया है.
जिन्ना की तस्वीर हटाने संबंधी विवाद में ऑल इंडिया मुस्लिम महासंघ के राष्ट्रीय प्रमुख फरहत अली ने कहा, 'मैं सभी से अपील करता हूं कि जिन्ना और उन जैसे लोगों के पोस्टर जलाएं. मैं जिन्ना की तस्वीर जलाने वाले को एक लाख का इनाम दूंगा.'
अलीगढ़ में धारा 144 लागू, कल रात 12 बजे तक इंटरनेट बंद
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, फरहत अली ने कहा, जिन लोगों ने आजादी के आंदोलन में अपनी शहादत दी, क्या ऐसे लोगों की तस्वीरें पाकिस्तान के किसी भी शिक्षण संस्थान में लगी हैं. क्या पाकिस्तान में महात्मा गांधी की तस्वीर कहीं पर लगी है. तो फिर जिन्ना की तस्वीर को हमारे यहां के संस्थानों में कैसे लगाया जा सकता है. मेरा मानना है कि जो लोग भारत से पाकिस्तान गए थे, उन्हें अपमान किया जाता है. हिंदुस्तान के नेताओं को इज्जत नहीं दी जाती. ऐसे में भारत का मुसलमान भी जिन्ना को घृणा की नजर से देखता है, हिकारत की नजर से देखता है. मैं फरहत अली खान अपने देश के लोगों से अपील करता हूं कि देश में जहां भी जिन्ना या उसके जैसे लोगों की तस्वीर लगी है, उसे उखाड़कर फेंक दें. इसके साथ ही जो शख्स जिन्ना की तस्वीर को उखाड़कर फेंकेगा, उसे 1 लाख का इनाम दिया जाएगा.
#WATCH: Farhat Ali Khan, National Head of All-India Muslim Mahasangh says, 'I appeal everyone to tear & burn down posters of Jinnah & people like him. I announce a reward of Rs 1 Lakh for the one who burns down the poster.' (04.05.2018) pic.twitter.com/HLUcJBhw4R
— ANI UP (@ANINewsUP) May 4, 2018
इस पूरे विवाद पर अलीगढ़ अभी अशांत है. सभी पक्ष इस मामले पर अलग अलग राय दे रहे हैं. यूनिवर्सिटी प्रशासन इस मामले में कह चुका है कि वह तस्वीर नहीं हटाएगा. सबसे पहले इस मामले को भाजपा सांसद ने उठाया था. उसके बाद इस पर बहस शुरू हो गई थी. हालांकि भाजपा में इस बात पर एकराय नहीं हैं.
एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा कि जिन्ना का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा, "जिन्ना ने हमारे देश का बंटवारा किया, भारत में जिन्ना का महिमामंडन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. योगी ने कहा कि उन्होंने मामले में जांच के आदेश दिए हैं, जल्द ही उन्हें इसकी रिपोर्ट भी मिल जाएगी. जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी, वह इस मामले में एक्शन लेंगे." उससे पहले यूपी सरकार में मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना का बचाव करते हुए उनकी तारीफ की थी और कहा था, वह बंटवारे के लिए जिम्मेवार नहीं थे.