बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को महाराष्ट्र के विदर्भ में हिरासत में लिया गया है. यशवंत सिन्हां को सोमवार शाम को अकोला जिले से उस वक्त हिरासत में लिया गया जब वह विदर्भ के कपास उत्पादक किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे.
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नई दिल्लीः बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को महाराष्ट्र के विदर्भ में हिरासत में लिया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यशवंत सिन्हां को सोमवार शाम को अकोला जिले से उस वक्त हिरासत में लिया गया जब वह विदर्भ के कपास उत्पादक किसानों के आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. सिन्हा जिला कलेक्ट्रेट के बाहर विदर्भ में कपास और सोयाबीन पैदा करने वाले किसानों के प्रति सरकार की बेरुखी के खिलाफ चलाए गए आंदोलन में शामिल होने के लिए आए थे.
अकोला पुलिस के मुताबिक यशवंत सिन्हा को बॉम्बे पुलिस कानून की धारा 38 के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया है.
ठंड में 5 घंटे तक बैठाने से गुस्साए सिन्हा
अकोला कलेक्ट्रेट के बाहर यशवंत सिन्हा के साथ करीब 250 किसानों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया. हिरासत में लिए जाने के बाद सभी को जिला पुलिस मुख्यालय मैदान ले जाया गया. ग्राउंड में पांच घंटे तक सिन्हा को कड़ी ठंड में बैठाया गया, जिससे उन्हें गुस्सा आ गया और उन्होंने पुलिस अधिकारी को कहा कि, हमारे लिए यहां कोई इंतजाम नहीं किया गया है. हम इंसान है जानवर नहीं है, यशवंत सिन्हा इतने गुस्से में थे कि उन्होंने यह तक कह दिया कि, 'अगर 5 मिनट के भीतर हमारी व्यवस्था नहीं की गई तो पूरी पुलिस लाइन को जला दूंगा'
Maharashtra; Yashwant Sinha detained while leading a farmers' march in Akola, yesterday; later released. pic.twitter.com/nDzIRlpBhQ
— ANI (@ANI) December 5, 2017
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आपको बता दें कि देश के पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा कई मौकों पर केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना कर चुके हैं. यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों और आर्थिक फैसलों का खुलकर विरोध किया है.
यशवंत सिन्हा ने पीएम मोदी के विकास के आंकड़ों पर उठाया सवाल
पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर अपना निशाना साधा और ‘राजशक्ति’ पर अंकुश के लिए ‘लोकशक्ति’ का आह्वान किया था. विदर्भ के अकोला में किसानों के गैर सरकारी संगठन शेतकारी जगर मंच के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भी केंद्र सरकार को निशाना बनाया. जयप्रकाश का उल्लेख करते हुए सिन्हा ने लोकशक्ति आंदोलन की अपील की जो राजसत्ता पर नियंत्रण रखेगी.
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उन्होंने कहा, ‘‘हम यह लोकशक्ति पहल अकोला से शुरू करें.’’ सिन्हा ने कहा, ‘‘हम पहले से मंदी का सामना कर रहे हैं. और आंकड़ों का क्या? आंकड़े एक चीज साबित कर सकते हैं तो उसी आंकड़े से दूसरी चीज भी साबित की जा सकती है.’’
पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता ने कहा, ‘‘हमारी सरकार के मुखिया ने हाल ही में एक घंटे के भाषण में भारत की प्रगति दिखाने के लिए आंकड़ों का हवाला दिया और कहा कि इतनी सारी कार और मोटरसाइकिल बिकीं. ’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या इसका मतलब देश प्रगति कर रहा है. बिक्री तो हुई लेकिन क्या कोई उत्पादन हुआ. ’’
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से यशवंत सिन्हा कड़े शब्दों में केंद्र सरकार और उसकी नीतियों को लेकर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं. इसे लेकर भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेता कड़ी प्रतिक्रिया दे चुके हैं, बावजूद इसके यशवंत सिन्हा लगातार पार्टी की आलोचना कर रहे हैं. वहीं उनके इस रुख को देखते हुए कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर उन्हें विपक्ष में शामिल होने का ऑफर भी दे चुके हैं.