विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों से वार्ता नहीं करने के केंद्र के निर्णय पर शनिवार (29 अप्रैल) को चिंता जताई और कहा कि राज्य के भविष्य के लिए यह नीति ‘विनाशकारी’ हो सकती है. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय में केंद्र का यह हलफनामा कि वह अलगाववादियों से वार्ता नहीं करेगा, जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए विनाशकारी है. हम इस रुख पर चिंता और दुख जताते हैं.’
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श्रीनगर: विपक्षी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादियों से वार्ता नहीं करने के केंद्र के निर्णय पर शनिवार (29 अप्रैल) को चिंता जताई और कहा कि राज्य के भविष्य के लिए यह नीति ‘विनाशकारी’ हो सकती है. पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय में केंद्र का यह हलफनामा कि वह अलगाववादियों से वार्ता नहीं करेगा, जम्मू-कश्मीर के भविष्य के लिए विनाशकारी है. हम इस रुख पर चिंता और दुख जताते हैं.’
कश्मीर समाधान के लिए वार्ता ही रास्ता
कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए वार्ता को ‘एकमात्र रास्ता’ बताते हुए अब्दुल्ला ने भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता जल्द बहाल होने की अपील करते हुए कहा कि ‘बम और गोलियों से समाधान नहीं होगा.’
भारत-पाक संबंध कश्मीर के लिए जरूरी
लोकसभा सदस्य ने भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ताना संबंधों के महत्व को उजागर करते हुए कहा कि अच्छे संबंध न केवल दोनों पड़ोसी देशों के लिए अच्छे हैं, बल्कि कश्मीर के समाधान के लिए और दोनों तरफ कश्मीरियों की रक्षा के लिए भी जरूरी है.
पीडीपी पर बरसे अब्दुल्ला
पीडीपी की आलोचना करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, ‘अगर यह गंभीर होती तो महबूबा मुफ्ती ने कुर्सी ठुकरा कर उच्चतम न्यायालय में केंद्र के हलफनामे का विरोध किया होता. मुख्यमंत्री पद छोड़ना तो दूर पीडीपी केंद्र की नीतियों के खिलाफ मुंह तक नहीं खोल सकती.’