इमरान खान के शांति प्रस्ताव पर केंद्र को देना चाहिए सकारात्मक जवाब : फारूक अब्दुल्ला
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इमरान खान के शांति प्रस्ताव पर केंद्र को देना चाहिए सकारात्मक जवाब : फारूक अब्दुल्ला

फारूक अब्दुल्ला ने  कहा कि उप महाद्वीप के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार मित्रता जरूरी है और यह कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में सहायक होगी.

जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (फाइल फोटो)

श्रीनगर: नेशनल कान्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि केंद्र को इमरान खान के शांति प्रस्ताव पर ‘सकारात्मक’ प्रतिक्रिया जतानी चाहिए. पाकिस्तान के आम चुनाव मे नेशनल असंबेली मे इमरान खान को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं. खान के पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद है. 

दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के काजीकुंड और बिजबेहरा में जन सभाओं को संबोधित करते हुए अब्दुल्ला ने पाकिस्तान तहरीक-ए- इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान के सुलह और जुड़ाव के संदेश का स्वागत किया और कहा कि ‘केंद्र सरकार को बिना कोई देर किये उसका सकारात्मक तरीके से जवाब देना चाहिए.’ श्रीनगर से लोकसभा सांसद अब्दुल्ला ने कहा कि उप महाद्वीप के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार मित्रता जरूरी है और यह कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में सहायक होगी.

पीएम मोदी से महबूबा की अपील: इमरान खान की ‘दोस्ती’ की पेशकश कबूल करें
इससे पहले जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वह राज्य में खूनखराबा रोकने की खातिर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान की ओर से बढ़ाया गया ‘दोस्ती का हाथ’ कबूल करें.

क्रिकेटर से नेता बने इमरान ने पाकिस्तान के आम चुनावों में अपनी पार्टी की जीत के बाद पहले सार्वजनिक संबोधन में कहा था कि वह भारत के साथ अपने रिश्ते सुधारने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार चाहेगी कि दोनों पक्षों के नेता कश्मीर सहित सभी अहम मसले बातचीत के जरिए सुलझाएं.

नेशनल असेंबली के चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी पीटीआई के प्रमुख इमरान ने इस बात पर जोर दिया था कि दोनों पड़ोसियों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला खत्म होना चाहिए. 

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