अपनी बच्ची की मौत को लेकर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे पिता को चुप रहने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा 25 लाख रुपये का ऑफर दिया गया है. यह आरोप खुद मृतका के पिता ने लगाया है
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नई दिल्ली : गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में डेंगू से बच्ची की मौत के बाद 16 लाख रुपये के बिल पर का मामला अभी थमा नहीं है. अपनी बच्ची की मौत को लेकर अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे पिता को चुप रहने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा 25 लाख रुपये का ऑफर दिया गया है. यह आरोप खुद मृतका के पिता ने लगाया है. मृतक बच्ची आद्या के पिता जयंत सिह ने कहा कि फोर्टिस अस्पताल का एक अधिकारी उनसे मिला था और उसने उन्हें 10,37,889 रुपये का एक चैक देने लगा. ये वह पैसे थे जो उन्होंने बच्ची के इलाज के दौरान अस्पताल में जमा कराए थे. इसके अलावा अधिकारी ने उन्हें 25 लाख रुपये अलग से देने का ऑफर दिया.
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जयंत सिंह ने बताया कि इस रकम के बदले में अस्पताल उनके साथ एक कानूनी एग्रीमेंट भी चाहता था जिसमें अस्पताल के खिलाफ सोशल मीडिया पर कोई भी अभियान नहीं चलाने और कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करने की बात कही गई थी. जयंत सिंह ने अपनी बच्ची की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराया है और अस्पताल के खिलाफ वे सोशल मीडिया पर अभियान चलाए हुए हैं.
They also said they will be offering me Rs 25 lakh cash on top of this, said that I will have to sign, enter into a legal agreement assuring to stop my social media campaign, or going to court and taking legal action against them: Jayant Singh, Father #Fortis #Gurugram pic.twitter.com/FN31giK57V
— ANI (@ANI) 6 दिसंबर 2017
उधर, सात वर्षीय बच्ची की मौत और उसके अभिभावकों से ज्यादा पैसे लेने संबंधी मामले की जांच कर रही एक समिति ने पाया है कि इस मामले में अस्पताल की तरफ से कई अनियमितताएं हुई हैं. हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार प्राथमिकी दर्ज कराने की योजना बना रहा है. विज ने कहा, 'साधारण शब्दों में, यह मौत नहीं बल्कि हत्या थी.' जांच समिति के सदस्यों से घिरे हुए विज ने कहा कि कई तरह की अनियमितताएं हुईं, कई तरह की अनैतिक चीजें हुईं और प्रोटोकॉल तथा चिकित्सीय कर्तव्यों का पालन नहीं किया गया.