Covid 4th Wave: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, कोविड की चौथी लहर कब आएगी?
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Covid 4th Wave: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, कोविड की चौथी लहर कब आएगी?

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड की चौथी लहर (Fourth Wave Of Covid) के जल्द ही दस्तक देने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि कोविड की चौथी लहर जून-जुलाई में शुरू होगी. 

Covid 4th Wave: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया, कोविड की चौथी लहर कब आएगी?

बेंगलुरु: कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर (K. Sudhakar) ने मंगलवार को कहा कि पूर्वानुमान संबंधी स्टडीज से पता चलता है कि कोविड-19 (Covid-19) की चौथी लहर जून-जुलाई में शुरू होगी और सितंबर तक चलेगी. उन्होंने कहा कि कर्नाटक इसका सामना करने के लिए तैयार है.

  1. कोविड की चौथी लहर पर बयान
  2. जून-जुलाई में शुरू होने की बात कही
  3. कहा घबराने की कोई जरूरत नहीं

'घबराने की जरूरत नहीं'

उन्होंने (Health Minister of Karnataka) आगे कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है. कोविड-19 का नया एक्सई वेरिएंट (XE Variant) 8 देशों में है और उस देश से आने वाले लोगों की जांच की जा रही है. एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मास्क अभी भी जरूरी है और इसमें कोई ढील नहीं होगी. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि चौथी लहर के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. भारत की टीकाकरण प्रगति के बारे में बोलते हुए सुधाकर ने बताया कि बच्चों को पहले दिए गए कई टीके दुनिया में कहीं और उपलब्ध होने के लंबे समय बाद भारत पहुंचे. 'मैं महामारी के खिलाफ इस सामूहिक लड़ाई में राजनीति नहीं लाना चाहता लेकिन लोगों को यह जानना चाहिए. पिछले 70 वर्षों के दौरान जब अन्य दलों ने शासन किया, तो दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में भारत (India) में टीके बहुत बाद में आए.'

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जापानी इंसेफेलाइटिस का टीका 45 साल बाद भारत आया

कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा, 'हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) का टीका 1985 में दुनिया भर में पेश किया गया था लेकिन 2005 तक ही भारत आया था. दुनिया के बाकी हिस्सों की तुलना में बीसीजी (BCG) का टीका 20-25 साल बाद आया और जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis) का टीका 45 साल बाद आया. हालांकि, पहला कोविड मामला 30 जनवरी, 2020 को पाया गया था और एक साल के अंदर, 16 जनवरी, 2021 तक भारत ने टीका बनाया.'

10 टीकों को दी गई मंजूरी

आज, भारत में 10 टीकों (Vaccines) को मंजूरी दी गई है और उपलब्ध हैं और यह गर्व की बात है कि उनमें से एक भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन (Covaxin) नामक एक घरेलू टीका है. सुधाकर ने कहा कि अन्य टीके पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन हैं, जिन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका, कॉबेर्वैक्स, जायडस कैडिला के साथ करार किया था, जो दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन है.

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एहतियाती खुराक लेने का किया आग्रह

मंत्री ने कहा कि भारत ने शुरू में फाइजर (Pfizer) और मॉडर्ना (Moderna) से संपर्क किया और उम्मीद की कि हमारे टीकों में समय लग सकता है. 'वे टीका प्रदान करने के लिए सहमत हुए. लेकिन अगर हमारे लोगों को कुछ होता है, तो वे कोई जिम्मेदारी या दायित्व लेने से इनकार करते हैं. हमारी सरकार लोगों के जीवन से समझौता करने को तैयार नहीं थी और हमने लाइसेंस प्रदान नहीं करने का फैसला किया, जब तक कि वे दायित्व लेने के लिए सहमत नहीं हुए.' कर्नाटक के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा, राज्य में 10.54 करोड़ टीके लगाए गए हैं. वैक्सीन की दूसरी खुराक (Second Dose) 98% लोगों ने ले ली है और 32 लाख लोगों को दूसरी खुराक लेनी बाकी है. उन्होंने लोगों से दूसरी खुराक और एहतियाती खुराक जल्द से जल्द लेने का आग्रह किया.

(इनपुट - आईएएनएस)

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