मां दुर्गा के 9 मंत्रों से 9 दिन में 9 मनोकामना होगी पूरी
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मां दुर्गा के 9 मंत्रों से 9 दिन में 9 मनोकामना होगी पूरी

13 अक्टूबर से शक्ति के 9 रुपों की आराधना शुरू हो रही है। शारदीय नवरात्र में इन 9 देवियों के 9 मंत्रों से, आप जीवन की 9 मनोकामनायें पूरी कर सकते हैं। अगर आप 9 दिन में देवी को 9 भोग लगायेंगे तो भी, देवी दुर्गा प्रसन्न होकर, कम से कम 9 वरदान देंगी। तो आइये आपको बताते हैं कि कैसे 9 देवियों के 9 मंत्रों और 9 भोग से कैसे पूरी होगी 

फाइल फोटो

दिल्ली: 13 अक्टूबर से शक्ति के 9 रुपों की आराधना शुरू हो रही है। शारदीय नवरात्र में इन 9 देवियों के 9 मंत्रों से, आप जीवन की 9 मनोकामनायें पूरी कर सकते हैं। अगर आप 9 दिन में देवी को 9 भोग लगायेंगे तो भी, देवी दुर्गा प्रसन्न होकर, कम से कम 9 वरदान देंगी। तो कैसे 9 देवियों के 9 मंत्रों और 9 भोग से कैसे पूरी होगी 9 मनोकामना? 
प्रथमं शैलपुत्री
अच्छी सेहत और हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाती हैं मां शैलपुत्री। इनकी आराधना से स्थिर आरोग्य और जीवन निडर होता है। व्यक्ति चुनौतियों से घबराता नहीं बल्कि उसका सामना करके जीत हासिल करता है। 

मां शैलपुत्री का निर्भय आरोग्य मंत्र
विशोका दुष्टदमनी शमनी दुरितापदाम्।
उमा गौरी सती चण्डी कालिका सा च पार्वती।।

मां शैलपुत्री को दूध का भोग लगायें

द्वितीयं ब्रह्मचारिणी
अगर आप प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता चाहते हैं, विशेष रुप से छात्रों को मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करनी चाहिये। इनकी कृपा से बुद्धि का विकास होता है। नौकरी और साक्षात्कार में सफलता दिलाती हैं मां ब्रह्मचारिणी क्योंकि ये तपस्वी वेष में हैं। 
ब्रह्मचारिणी का परीक्षा में सफलता दिलाने का मंत्र
विद्याः समस्तास्तव देवि भेदाः स्त्रियः समस्ताः सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुतिः स्तव्यपरा परोक्तिः।।

मां ब्रह्मचारिणी को मौसमी फल का भोग लगायें

तृतीयं चन्द्रघण्टा
कई बार जीवन में अशुभ ग्रहों की वजह से भी, कई मुश्किलें खड़ी हो जाती हैं। जीवन रुपी आकाश में संकट के बादल घिर जाते हैं। आशा की एक किरण भी नज़र नहीं आती। ऐसे अशुभ ग्रहों से उपजे संकट का नाश करती हैं मां चंद्र घंटा

मां चंद्रघंटा का संकटनाशक मंत्र
हिनस्ति दैत्य तेजांसि स्वनेनापूर्य या जगत्।
सा घण्टा पातु नो देवि पापेभ्योsनः सुतानिव।।
मां चंद्रघंटा को मखाने की खीर का भोग लगायें।

कूष्माण्डा चतुर्थकम्
अगर आपकी संतान सुखी नहीं है। विवाह के कई वर्षों बाद भी आंगन में किलकारी नहीं गूंज रही है, तो नवदुर्गा के चौथे स्वरुप मां कूष्माण्डा की पूजा करें। ऐसे करके आपको संतान सुख की प्राप्ति होगी।
मां कूष्माण्डा का संतान सुख मंत्र
स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रयात्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता।
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः।।
मां कूष्माण्डा को अनार के रस का भोग लगायें।

पंचमम् स्कन्दमाता
अगर आप चाहते हैं कि आपकी बुद्धि और बातचीत से हर कोई प्रभावित हो, तो इसके लिये पांचवी स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिये। मीडिया और फिल्म जगत से जुड़े लोगों के लिये स्कंदमाता चमत्कार कर सकती हैं। 
स्कंदमाता का बुद्धि विकास मंत्र
सौम्या सौम्यतराशेष सौम्येभ्यस्त्वति सुन्दरी। 
परापराणां परमा त्वमेव परमेश्वरी।।
स्कंदमाता को हलवे का भोग लगायें।

षष्ठम् कात्यायिनी
लंबे समय से अगर आप वैवाहिक जीवन के कष्ट से जूझ रहे हैं। नौबत तलाक तक आ पहुंची है। तो आप वैवाहिक जीवन को सुखी बनाने और कोर्ट केस से छुटकारा पाने के लिये, कात्यायिनी माता की पूजा करें। 

मां कात्यायनी का दाम्पत्य दीर्घसुख प्राप्ति मंत्र
एतत्ते वदनं सौम्यम् लोचनत्रय भूषितम्। 
पातु नः सर्वभीतिभ्यः कात्यायिनी नमोsस्तुते।।
माता को नारियल के लड्डू का भोग लगायें।

सप्तमम् कालरात्रि
दुश्मनों से जब आप घिर जायें, हर ओर विरोधी नज़र आयें, तो ऐसे में आपको माता कालरात्रि की पूजा करनी चाहिये। ऐसा करने से हर तरह की शत्रुबाधा से मुक्ति मिलेगी।  

मां कालरात्रि का शत्रुबाधा मुक्ति मंत्र
त्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातं समरमुर्धनि तेSपि हत्वा।
नीता दिवं रिपुगणा भयमप्यपास्त मस्माकमुन्मद सुरारिभवम् नमस्ते।।

मां कालरात्रि को शहद का भोग लगायें।

महागौरी अष्टमम्
अगर आपके मन में बहुत ऐश्वर्य और प्रसिद्धि पाने की इच्छा हो तो आठवें दिन मां महागौरी की आराधना करें। इनकी कृपा से व्यक्ति देखते-देखते मशहूर हो जाता है।
मां महागौरी का परम ऐश्वर्य सिद्धि मंत्र
सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।।

महागौरी मां को साबूदाने की खीर का भोग लगायें।

नवमम् सिद्धिदात्री
अगर आप अपनी हर इच्छा पूरी करना चाहते हैं तो 9वें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा करें। माता की कृपा से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
सर्वमनोकामना पूरक महागौरी मंत्र 
या श्रीः स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मीः पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धिः।
श्रद्धा सतां कुलजन प्रभवस्य लज्जा तां त्वां नताः स्म परिपालय देवि विश्वम्।।

मां सिद्धिदात्री को पायस का भोग लगायें।

 

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