गौरी लंकेश साप्ताहिक मैग्जीन 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं. गौरी लंकेश का दक्षिणपंथी संगठनों से वैचारिक मतभेद था.
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नई दिल्ली : कर्नाटक की सीनियर जर्नलिस्ट गौरी लंकेश की बेंगलुरू में गोली मारकर हत्या कर दी गई. गौरी लंकेश साप्ताहिक मैग्जीन 'लंकेश पत्रिके' की संपादक थीं. गौरी लंकेश का दक्षिणपंथी संगठनों से वैचारिक मतभेद था. इस घटना के बाद बॉलीवुड के प्रमुख लोगों ने गौरी लंकेश की हत्या पर शोक जताते हुए उनके लिए न्याय की मांग की है. गीतकार जावेद अख्तर ने भी ट्वीट करते हुए लिखा कि दाभोलकर, पनसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश. अगर एक ही तरह के लोगों की हत्या हो रही है तो उनके हत्यारे कौन हैं.
Dhabolkar , Pansare, Kalburgi , and now Gauri Lankesh . If one kind of people are getting killed which kind of people are the killers .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) September 5, 2017
हालांकि खुद जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर अलग बहस शुरू हो गई. जिसमें लोगों ने केरल में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या पर उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए. कुमार विश्वास ने अपने शब्दों में इस हत्या पर शोक जताया.
मौन यही बतलाता है इन निर्वाचित सरकारों का,
राजमहल की दीवारों से रिश्ता है हत्यारों का.#GauriLankesh— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) September 5, 2017
फिल्मकार अनुभव सिन्हा ने भी अपने विचार ट्वीट के माध्यम से व्यक्त किए.
Now looking forward to some of the cleverest justifications to this murder. #GauriLankesh
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) September 5, 2017
वहीं डायरेक्टर शिरिश कुंदर ने कहा कि जब बौद्धिक होना गाली हो जाए तो शब्द गोलियों के रूप में वापस आते हैं.
When "intellectual" becomes an abuse, words are replied with bullets.
RIP #GauriLankesh.
— Shirish Kunder (@ShirishKunder) September 5, 2017
2015 में कर्नाटक के धारवाड़ में इसी तरह के एक अन्य मामले में साहित्यकार एमएम कलबुर्गी की उनके घर पर ही हत्या कर दी गई थी.