आजाद ने कहा, 'नरेश अग्रवाल एक ऐसे सूरज हैं, इधर डूबे, उधर निकले, इधर निकले उधर डूबे.'
Trending Photos
नई दिल्ली : राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे 40 सांसदों को विदाई देते हुए पीएम मोदी और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार(28 मार्च) को सदन को संबोधित किया. गुलाम नबी आजाद ने कहा 'हम सब यहां पर एक-दूसरे के लिए नहीं बल्कि जनता के लिए लड़ रहे हैं.' उन्होंने नरेश अग्रवाल पर तंज भी कसा. उन्होंने कहा, 'नरेश अग्रवाल एक ऐसे सूरज हैं, इधर डूबे, उधर निकले, इधर निकले उधर डूबे.' आगे बोलते हुए आजाद ने कहा, 'मुझे यकीन है जिस पार्टी में वो गए हैं वह उनकी क्षमता का पूरा प्रयोग करेगी.'
विपक्ष मिस करेगा नरेश अग्रवाल को: आजाद
नरेश अग्रवाल पर चुटकी लेते हुए आजाद ने कहा कि पूरा विपक्ष उन्हें मिस भी करेगा, क्योंकि वह एक ऐसे सांसद रहे हैं जो दिन में करीब 6 बार बोलते थे. हालांकि आजाद के इस बयान पर किसी भी राजनेता ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी.
मुस्कुराते दिखें नरेश अग्रवाल
भाषण के दौरान जब गुलाम, नरेश पर चुटकी ले रहे थे, उस वक्त वह मुस्कुराते हुए नजर आए. आजाद के बाद रामगोपाल वर्मा ने भी नरेश अग्रवाल का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा. रामगोपाल ने अपने भाषण में कहा कि पार्टी से विदा लेने वाले सांसद या सदस्य जिस राजनीतिक दल के साथ रहना चाहते हैं अपनी निष्ठा से रह सकते हैं.
Naresh Agarwal ji ek aise suraj hain, idhar doobe, udhar nikle, idhar nikle udhar doobe. Mujhe yaqeen hai jis party mein vo gaye hain vo unki kshamta ka poora upyog karegi: Ghulam Nabi Azad,Congress while addressing retiring MPs #RajyaSabha pic.twitter.com/Jd87xrydaN
— ANI (@ANI) March 28, 2018
सपा छोड़ नरेश ने थामा था बीजेपी का दामन
बता दें कि राज्यसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी से नाराज होकर नरेश अग्रवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. उस वक्त खबर आई थी कि सपा की ओर से राज्यसभा का टिकट ना दिए जाने के कारण नरेश अग्रवाल ने पार्टी को अलविदा कह दिया था. बीजेपी में शामिल होने के बाद नरेश अग्रवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था, 'फिल्म में काम करने वाली से मेरी हैसीयत कर दी गई, उनके नाम पर हमारा टिकट कट गया. मैंने इसको भी बहुत उचित नहीं समझा. मैं कोई शर्त पर नहीं आया हूं. कोई राज्यसभा की टिकट की मांग नहीं है.'
ये थी नरेश अग्रवाल की नाराजगी की वजह
नरेश अग्रवाल की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह यह थी कि पिछले काफी समय वे राष्ट्रीय राजनीति में सपा के प्रमुख चेहरे रहे थे. यही नहीं वो राज्यसभा में सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं और पार्टी की रीतियों-नीतियों को केंद्रीय स्तर पर उठाते रहे थे. समाजवादी पार्टी में जब अखिलेश बनाम मुलायम की जंग छिड़ी हुई थी तब नरेश अग्रवाल ने खुलकर अखिलेश यादव का साथ दिया था. लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने जया बच्चन को राज्यसभा भेजने का फैसला किया और उनका पत्ता काट दिया गया.