देश की पहली महिला फोटोजर्नलिस्ट होमी व्यारावाला का जन्मदिन, Google ने बनाया Doodle
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देश की पहली महिला फोटोजर्नलिस्ट होमी व्यारावाला का जन्मदिन, Google ने बनाया Doodle

आज़ादी के समय कैमरा ही अपने आप में एक आश्चर्य कहलाता था. उस पर भी एक महिला का इस क्षेत्र में प्रवेश करना बड़े अचरज की बात थी. लेकिन होमी ने फोटोग्राफी का पेशा पूरे उसूलों के साथ अपनाया था. 

होमी व्यारवाला भारत की पहली महिला फोटोग्राफर थीं

नई दिल्ली : होमी व्यारावाला (Homai Vyarawalla) भारत की प्रथम महिला फोटोग्राफर थीं. गुजरात के नवसारी में मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मी व्यारावाला ने 1938 में फोटोग्राफी के क्षेत्र में प्रवेश किया. उस वक्त कैमरा ही अपने आप में एक आश्चर्य कहलाता था. उस पर भी एक महिला का इस क्षेत्र में प्रवेश करना बड़े अचरज की बात थी. फोटोग्राफी का पेशा उन्होंने पूरे उसूलों के साथ अपनाया था. हालांकि उन्होंने अपने ही समकक्ष फोटोग्राफरों से ही कई बार चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा था. फोटोग्राफरों की नई पीढ़ी के व्यवहार से आहत उन्होंने एक समय बाद इस पेशे को अलविदा भी कह दिया था. आज उनका 104वां जन्मदिन है. गूगल ने उस महान फोटोग्राफर की याद में अपना डूडल सजाया है. 

  1. भारत की पहली महिला फोटो जर्नलिस्ट थीं होमी व्यारवाला
  2. कई ऐतिहासिक पलों को किया होमी ने अपने कैमरे में कैद
  3. जवाहर लाल नेहरू थे होमी के कैमरे की पहली पसंद

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गूगल ने अपने डूडल के द्वारा होमी व्यारवाला को कुछ इस तरह याद किया

जानें होमी व्यारवाला के बारे में कुछ रोचक पहलू-

  • व्यारवाला का जन्म 9 दिसम्बर, 1913 को नवसारी गुजरात में मध्य वर्ग पारसी परिवार में होमई हाथीराम के घर पर हुआ. होमी व्यारावाला ने 1930 में जब दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ था, तब अपना करियर शुरू किया था. 
  • उन्होंने स्वतंत्र भारत में पहली बार लाल किले पर झंडे फहराने और लॉर्ड माउंटबेंटन के प्रस्थान जैसी कई बड़ी घटनाओं की फोटो अपने कैमरे में कैद कीं.
  • उनका पालन पोषण मुंबई में हुआ तथा उन्होंने फोटोग्राफी अपने मित्र मानेकशां व्यारवाला से तथा बाद में जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से सीखी.
  • व्यारावाला ने 1930 में जब दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ था, तब अपना करियर शुरू किया था. पहली तस्‍वीर बोम्‍बे क्रोनिकल में प्रकाशित हुई और मेहताने के रूप में एक रुपया मिला.
  • बॉम्बे की 'द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया' पत्रिका के लिए काम करना शुरू किया. शुरू में उनके पति के नाम से उनके फोटो प्रकाशित होते थे.
  • व्‍यारवाला का पसंदीदा विषय जवाहर लाल नेहरू थे. वे फोटोग्राफर के लिए उन्‍हें उपयुक्‍त छवि मानती थीं. उन्हें ब्लैक एंड व्हाइट फोटो खिंचाना ज्यादा पसंद था.
  • 1942 में दिल्ली आकर ब्रिटिश इंफोरमेशन सर्विस में शामिल हुईं. महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू, मोहम्मद अली जिन्ना, इंदिरा गांधी और तमाम बड़े नेताओं की फोटो खिंचकर चर्चा में आईं.
  • उनके ज्यादातर फोटो उनके उपनाम 'डालडा 13' के साथ प्रकाशित होते थे. इसकी वजह यह थी कि उनका जन्म 1913 में हुआ था. 13 साल की उम्र में शादी हुई और उनकी कार का नंबर DLD-13 था. इसलिए उन्होंने 'Dalda 13' उपनाम का इस्तेमाल किया.
  • 1970 में, पति की मृत्यु के कुछ समय बाद ही होमी ने फोटोग्राफी को अलविदा कह दिया. इसकी वजह फोटोग्राफरों की नई पीढ़ी के खराब व्यवहार को मानती थीं. 
  • भारत की पहली महिला फोटोग्राफर को सन् 2011 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया. 15 जनवरी, 2012 को देश की पहली महिला फोटोग्राफर ने दुनिया को अलविदा कह दिया. 

 

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ब्रिटिश उच्चायुक्त की पत्नी सिमोन के साथ नेहरू जी यह तस्वीर आज भी चर्चा में रहती है

भारत में तत्कालीन ब्रिटिश उच्चायुक्त की पत्नी सिमोन की सिगरेट को लाइटर से जलाते हुए भारते के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की यादगार छवि को होमी व्यारावाला ने ही अपने कैमरे में कैद किया था. 

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