तैयार होने से पहले ही जियो इंस्टीट्यूट को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस यानी उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने पर पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है, हालांकि पूरे मामले में सरकार ने अपना बचाव किया है.
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नई दिल्ली: आईआईटी दिल्ली और आईआईटी मुंबई के साथ ही जियो इंस्टीट्यूट को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस यानी उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा देने पर पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने पूछा कि क्या अंबानी भगवान हैं? हालांकि सरकार ने अपनी सफाई में कहा है कि जियो इंस्टीट्यूट को एक खास श्रेणी में ये दर्जा देने का प्रस्ताव है और ये दर्जा अंतिम रूप से संस्थान के चालू होने के बाद ही मिलेगा.
यशवंत सिन्हा ने एक ट्वीट में कहा कि 'जियो इंस्टीट्यू की अभी स्थापना नहीं हुई है. उसका अस्तित्व नहीं है. फिर भी सरकार ने उसे एमिनेंट टैग दे दिया. ये मुकेश अंबानी होने का महत्व है.'
इसके बाद उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, 'क्या वो भगवान हैं?'
Jio Institute has not even been set up. It is not in existence. Yet govt grants it eminence tag. That is the importance of being M Ambani.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 10, 2018
Are they God?
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) July 10, 2018
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने कल छह संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिया था. इसमें आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बंबई, आईआईएससी बेंगलोर, मनिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन, बिट्स पिलानी और जियो इंस्टीट्यूट शामिल हैं. इसके बाद जियो इंस्टीट्यूट को लेकर विवाद शुरू हो गया, क्योंकि वो अभी बना भी नहीं है. कई लोगों ने सवाल उठाया कि ऐसे में उसे आईआईटी के समकक्ष कैसे रखा जा सकता है. विपक्ष दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्त को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया है.
एचआरडी मंत्रालय की सफाई
पूरे मामले पर सफाई देते उच्च शिक्षा सचिव आर सुब्रमण्यम ने कहा कि ये दर्जे तीन श्रेणियों में दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि 'पहली श्रेणी सरकारी संस्थानों की है जिसमें आईआईटी को शामिल किया गया, दूसरी श्रेणी निजी संस्थानों की है, जिसमें बिट्स पिलानी और मणिपाल जैसे संस्थान हैं.'
जियो इंस्टीट्यूट को शामिल करने का कारण बताते हुए उन्होंने आगे बताया, 'तीसरी श्रेणी ऐसे ग्रीनफील्ड प्राइवेट इंस्टीट्यूट की है, जो अभी चालू नहीं हुए हैं, लेकिन जहां सुस्पष्ट रूप से जिम्मेदार निजी निवेश के जरिए वैश्विक स्तर का संस्थान बनाने की इच्छा हो. उनका स्वागत करना चाहिए.'
उन्होंने बताया कि ग्रीनफील्ड कटेगरी में 11 प्रस्ताव आए थे. कमेटी ने जरूरी प्रक्रिया, उनके प्रस्ताव और जमीन-बिल्डिंग आदि को लेकर उनकी योग्यता पर विचार करने के बाद केवल एक संस्थान को ही योग्य पाया. जाहिर तौर पर वो जियो इंस्टीट्यूट था.
Regulation of Institutes of Eminence has given 3 categories, 1st- public institutions in which IITs were considered, 2nd category-pvt institutions in which BITS Pi lani &Manipal are there:R Subramanyam, Secretary,Higher Education on Jio Institute given Institution of Eminence tag pic.twitter.com/SVbX6JoYBP
— ANI (@ANI) July 10, 2018
The third category is Greenfield pvt institutions which are not there right now but where well meaning responsible private investment wants to bring global standards to the country, they should be welcomed: Secretary, Higher Edu on Jio Institute given Institution of Eminence tag pic.twitter.com/CBWtNJZP4i
— ANI (@ANI) July 10, 2018
उन्होंने कहा कि कई लोग प्रोपेगेंडा कर रहे हैं और ये खबर फैलाई जा रही है कि जियो इंस्टीट्यूट को 1000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. ऐसा नहीं है. सिर्फ सरकारी संस्थानों को 1000 करोड़ रुपये मिलेंगे. उन्होंने बताया कि जियो इंस्टीट्यूट को सिर्फ लेटर ऑफ इंटेन्ट मिला है, जिसके मुताबिक उन्हें तीन साल में स्थापना करनी होगी. जब वो स्थापना कर लेंगे तब उन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा मिलेगा. अभी उनके पास ये दर्जा नहीं है. अभी उनके पास केवल लेटर ऑफ इंटेन्ट है.