जिग्नेश मेवाणी बनासकांठा जिले की वडगाम सीट से चुनाव लड़ रहे थे. वडगाम सीट पर पिछले चुनावों में कांग्रेस का कब्जा था. मेवाणी के चुनाव लड़ने पर कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक मणिभाई वाघेला को चुनाव नहीं लड़ने का निर्देश दिया था. जिग्नेश मेवाणी को आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन देने का ऐलान किया था.
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अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे हैं. राज्य की चर्चित सीटों में शुमार वडगाम सीट से निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश मेवाणी ने 19696 वोटों से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के विजय चक्रवर्ती को पराजित कर दिया है. गुजरात में पिछला एक वर्ष उथल-पुथल भरा रहा. हार्दिक पटेल के पाटीदार आंदोलन के बाद दलित आंदोलन ने रूपानी सरकार को खासा परेशान किया. इसी बीच एक दलित नेता का नाम मीडिया में उभरा वो जिग्नेश मेवाणी ही थे. जिग्नेश गुजरात की राजनीति 'तिकड़ी' के सदस्य हैं. कांग्रेस ने हार्दिक के साथ-साथ जिग्नेश को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने को लेकर शुरुआत में कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई. बाद में 27 नवंबर को मेवाणी ने चुनावी समर में कूदने की घोषणा कर दी. कांग्रेस ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए अपना उम्मीदवार मेवाणी के सामने नहीं उतारा.
जिग्नेश मेवाणी बनासकांठा जिले की वडगाम सीट से चुनाव लड़ रहे थे. वडगाम सीट पर पिछले चुनावों में कांग्रेस का कब्जा था. मेवाणी के चुनाव लड़ने पर कांग्रेस ने अपने वर्तमान विधायक मणिभाई वाघेला को चुनाव नहीं लड़ने का निर्देश दिया था. जिग्नेश मेवाणी को आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन देने का ऐलान किया था. उधर, बीजेपी ने इस सीट से विजय चक्रवर्ती को उम्मीदवार बनाया था.
वडगाम एससी सुरक्षित सीट है. इस सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. पिछले चार में से तीन चुनाव कांग्रेस ने यहां से जीते हैं. सिर्फ 2007 में बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली थी. 2011 की जनगणना के मुताबिक वडगाम की कुल जनसंख्या तकरीबन ढाई लाख के आस-पास है जिसमें 16.2 प्रतिशत एससी और 25.3 प्रतिशत मुस्लिमों की संख्या है. ये दोनों ही कांग्रेस के कोर वोटर रहे हैं. 2012 के विधानसभा चुनाव में यहां से कांग्रेस के मणिराम वाघेला ने 90000 के बड़े अंतर से जीत हासिल की थी.