भाजपा सरकार ने मान्यताप्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा), राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाने वाली ग्राम स्तर की महिलाओं को दिए जाने वाले भत्ते में 50 प्रतिशत की वृद्धि कर दी.
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अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने किसानों एवं आंदोलनकारी मान्यताप्राप्त स्वास्थ्य कर्मचारियों सहित समाज के विभिन्न वर्गों के लिए मंगलवार को कई लोकलुभावन घोषणाएं की. भाजपा सरकार ने मान्यताप्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा), राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के कार्यान्वयन में अहम भूमिका निभाने वाली ग्राम स्तर की महिलाओं को दिए जाने वाले भत्ते में 50 प्रतिशत की वृद्धि कर दी.
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने घोषणाएं करते हुए कहा कि इस वृद्धि से राज्य में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के तौर पर काम करने वालीं करीब 40,000 महिलाओं को लाभ मिलेगा. आशा कार्यकर्ता वेतन वृद्धि और अन्य लाभों की मांग करते हुए राज्य के विभिन्न हिस्सों में आंदोलन करते रहे हैं.
इस समय स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न कामों के लिए आशा कार्यकर्ताओं को महीने में करीब 2,500 रुपए का वेतन दिया जाता है. किसानों के लिए लुभावनी घोषणा करते हुए पटेल ने कहा कि सरकार अलग अलग तरह की सिंचाई में काम आने वाले विभिन्न उपकरणों की खरीद पर 18 प्रतिशत जीएसटी हटा देगी और कर का बोझ सरकार खुद वहन करेगी.
सरकार ने साथ ही राज्य द्वारा वित्त पोषित योजनाओं एवं छात्रवृत्तियों के लाभ हासिल करने के लिए अति पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लाभार्थियों की वार्षिक आय की सीमा भी बढ़ा दी. पटेल ने तदर्थ आधार पर नियुक्त किए गए स्कूली शिक्षकों को राहत देते हुए कहा कि 10 साल से ज्यादा समय से काम कर रहे इस तरह के शिक्षकों को नियमित कर दिया जाएगा.
सरकार ने अनुबंध पर काम करने वाले अपने कर्मचारियों के लिए भी कई लाभों की घोषणा की जिनमें सवैतनिक मातृत्व अवकाश तथा अनुबंध की अवधि के दौरान कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिजन के लिए दो लाख रुपये का मुआवजा सहित अन्य शामिल हैं.