गुजरात ने गुजरते साल में देखे कई राजनीतिक बदलाव
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गुजरात ने गुजरते साल में देखे कई राजनीतिक बदलाव

गुजरात के लिए वर्ष 2016 घटनाक्रमों से भरा रहा जिसमें सूबे ने जहां कई राजनीतिक बदलाव देखे वहीं राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लेकर सुखिर्यां हासिल कीं। उना में दलितों की पिटाई ने हालांकि राजनीतिक भूचाल का संकेत दिया लेकिन निकाय चुनावों में सत्तारूढ दल ने अपने कदम जमाने के संकेत दिये।

गुजरात ने गुजरते साल में देखे कई राजनीतिक बदलाव

नई दिल्ली : गुजरात के लिए वर्ष 2016 घटनाक्रमों से भरा रहा जिसमें सूबे ने जहां कई राजनीतिक बदलाव देखे वहीं राज्य सरकार ने कई अहम फैसले लेकर सुखिर्यां हासिल कीं। उना में दलितों की पिटाई ने हालांकि राजनीतिक भूचाल का संकेत दिया लेकिन निकाय चुनावों में सत्तारूढ दल ने अपने कदम जमाने के संकेत दिये।

आनंदीबेन पटेल ने अगस्त में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश पार्टी नेतृत्व को की और कहा कि वह जल्द ही 75 वर्ष की होने वाली हैं। ऐसा समझा जाता है कि भाजपा में मंत्री पद के लिए यह अघोषित आयुसीमा है। भाजपा संसदीय बोर्ड ने आनंदीबेन का इस्तीफा मंजूर करते हुए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को आनंदीबेन पटेल का उत्तराधिकारी चुनने के लिए अधिकृत किया। शाह ने गुजरात का दौरा किया और विधायक दल की बैठक में विजय रूपाणी को मुख्यमंत्री और नितिन पटेल को उप मुख्यमंत्री चुन लिया गया।

अगस्त में ही भावनगर पश्चिम विधानसभा सीट से विधायक जीतू वघाणी को गुजरात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बना दिया गया। वघाणी लेउवा पटेल समुदाय से आते हैं। जुलाई में राज्य के गिर सोमनाथ जिले के मोटा समढियाला गांव में कथित गोरक्षक दल के सदस्यों ने गाय की खाल उतारने को लेकर सात दलित युवकों की पिटायी कर दी। कथित गोरक्षकों ने दलित युवाओं पर गाय को मारकर उसकी खाल उतारने का आरोप लगाया। दलितों की पिटायी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इसको लेकर गुजरात के साथ ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए तथा यह मामला संसद में भी उठा। दलितों की पिटायी की घटना को लेकर राजकोट में प्रदर्शनों के दौरान 17 दलितों ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या का प्रयास किया। इसमें एक व्यक्ति की बाद में मौत हो गई। विरोध प्रदर्शनों में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि पुलिसकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।

इस घटना के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, आप नेता अरविंद केजरीवाल सहित अन्य दलों के कई नेताओं ने गुजरात का दौरा किया और पीड़ित दलित युवाओं से मुलाकात की। जुलाई 2016 में गुजरात उच्च न्यायालय ने पाटीदारों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करने वाले हार्दिक पटेल को इस शर्त पर जमानत प्रदान की कि वह छह महीने तक गुजरात से बाहर और नौ महीने तक मेहसाणा से बाहर रहेंगे।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन जुलाई 2015 में शुरू हुआ था। सबसे बड़ा प्रदर्शन अहमदाबाद में 25 अगस्त को किया गया था जिसमें हजारों लोग शामिल हुए थे। बाद में राज्य के विभिन्न स्थानों पर हिंसा और आगजनी हुई थी जिसमें करोड़ों रूपये की सम्पत्ति का नुकसान हुआ था। 29 जुलाई 2016 को गुजरात सरकार ने घोषणा की कि वह पाटीदार समुदाय के व्यक्तियों के खिलाफ दायर 438 मामलों में से 391 को वापस ले लेगी। वहीं पाटीदार अनामत आंदोलन के अन्य नेताओं ने हार्दिक पटेल पर समुदाय की धनराशि का इस्तेमाल अपने निजी हितों के लिए करने का आरोप लगाया। सात सितम्बर को पाटीदार समुदाय के सदस्यों ने भाजपा की ओर से पटेल समुदाय के 44 पार्टी विधायकों को सम्मानित करने के लिए सूरत में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यवधान डाला। इस कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी मौजूद थे।

गुजरात सरकार ने पाटीदार नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया लेकिन दोनों के बीच बातचीत अनिर्णायक रही।

अगस्त में गुजरात उच्च न्यायालय ने उच्च जातियों के आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को सरकारी नौकरियों एवं शैक्षिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाले गुजरात सरकार के अध्यादेश को खारिज कर दिया। अदालत ने इसे असंवैधानिक एवं उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देशों के खिलाफ बताया। जनवरी में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गुजरात विधानसभा द्वारा पारित विवादास्पद आतंकवाद रोधी विधेयक अतिरिक्त सूचना मांगते हुए लौटा दिया जिसके बाद इस विधेयक को वापस ले लिया गया। मई में गुजरात सरकार ने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान किया। राज्य सरकार ने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक दर्जा प्रदान करने के लिए एक सरकारी प्रस्ताव की घोषणा की। निर्णय का आरक्षण से कोई संबंध नहीं था। गुजरात सरकार ने राज्य के 18000 गांवों में से 6000 गांवों के स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्त होने की घोषणा की।

गुजरात से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रवीण राष्ट्रपाल का 12 मई 2016 को निधन हो गया। 9 जून 2016 को विख्यात कलाकार के जी सुब्रमण्यम का वडोदरा में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे और उन्हें 2012 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। 14 नवम्बर 2016 को गुजरात सरकार ने राज्यभर में 52 जेनेरिक मेडिकल स्टोर शुरू किये। 13 अगस्त को अक्षरधाम मंदिरों के संस्थापक और स्वामीनारायण सम्प्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज का गुजरात के बोटाद जिले के सारंगपुर में निधन हो गया।

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